ओबामा ने की भारत-आईएईए समझौते की पुष्टि
Last Updated 04 Feb 2010 03:52:00 PM IST
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वाशिंगटन। भारत-अमेरिका परमाणु करार को पूर्ण रूप से लागू करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत अपने परमाणु प्रतिष्ठानों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी के तहत ला दिया है।
ओबामा ने इसकी पुष्टि करते हुए विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से इसे संघीय रजिस्टर में शामिल करने को कहा, जिसमें सभी सरकारी कामकाज का लेखा-जोखा होता है।
ओबामा ने स्पष्ट किया कि भारत अपने कुछ परमाणु प्रतिष्ठानों को संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए के अधीन लाने के लिए औपचारिक तौर पर सहमत है, इससे इस ऐतिहासिक समझौते को क्रियान्वित करने में एक बड़ी प्रगति हुई है। भारत के रक्षा सुविधाओं से जुड़े प्रतिष्ठान इस निगरानी समझौते से बाहर रहेंगे।
यद्यपि, नाभिकीय ईंधन के दोबारा उपयोग जैसे कुछ अहम मुद्दों पर अभी दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई है। दोनों देशों की तरफ से कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर बातचीत जारी है और अगस्त तक कोई सहमति बन जाने की उम्मीद है।
भारत को अभी अमेरिकी कंपनियों से जवाबदेही निर्धारण की भी मंजूरी लेनी है। भारतीय मंत्रिमंडल ने इससे संबंधित विधेयक की मंजूरी दे दी है लेकिन इसे अभी संसद में पेश किया जाना बाकी है।
राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस से जारी ज्ञापन में ओबामा ने कहा है कि भारत सरकार और आईएईए के बीच नागरिक परमाणु प्रतिष्ठानों पर निगरानी के लिए दिए गए प्रस्ताव को एक अगस्त 2008 को आईएईए के निदेशक मंडल ने अपनी स्वीकृति दे दी थी।
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