भारत ने रक्षा खरीदारी प्रक्रियाओं को पारद
Last Updated 15 Feb 2010 05:41:41 PM IST
|
नयी दिल्ली। भारत के 30 अरब डालर के रक्षा बाजार पर बडी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए इजरायली,अमरीकी और यूरोपीय कम्पनियों के बीच कांटे का मुकाबला हो रहा है।
देश में सबसे बडे रक्षा कंपनियों के मेले ‘छठे डिफेंस एक्सपो’ का उद्घाटन करते हुए रक्षामंत्री ए.के.एंटनी ने आज यहां कहा कि देश में रक्षा उपकरणो के उत्पादन को उच्च स्तर पर ले जाने और इस मामले में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को बड़े पैमाने पर योगदान करना होगा।
एंटनी ने कहा हमने रक्षा खरीदारी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाया है और खरीद की प्रक्रिया में तेजी आई है।
उन्होंने कहा कि इस बार पिछले प्रदर्शनी के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक कंपनियां हिस्सा ले रही हैं और 38 सरकारी प्रतिनिधिमंडल भी आये है। भारत की अर्थव्यवस्था अगले दो दशक में आठ से दस प्रतिशत की दर से बढने का अनुमान है और इसके हिसाब से रक्षा खर्च भी बढना लाजिमी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश में रक्षा क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं है।
रक्षा प्रदर्शनी में साढे़ छह सौ कंपनियां हिस्सा ले रही है और भारतीय कंपनियों की भागीदारी पिछले प्रदर्शनी के मुकाबले बढ़कर दोगुनी हो गई है। मेले में 33 देशों की कम्पनियां आई है और स्थान घेरने के हिसाब से सबसे बड़ी भागीदारी इजरायल की है जिसने प्रगति मैदान में अपने रक्षा उपकरण सजाने के लिए 1248 वर्ग मीटर का क्षेत्र लिया है। इसके बाद यूरोपीय कंपनियों के कन्सोर्टियम की दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।
Tweet |