मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना रविवार की सुबह शुरू हो जाएगी। इससे पहले राज्य के सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह और घबराहट साथ-साथ देखी जा रही है।
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हर कोई यह अनुमान लगाने में व्यस्त है कि क्या नई सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनेगी या निर्दलीय विधायक 2018 की तरह फिर से किंगमेकर की भूमिका निभाएंगे।
चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखी गई। 230 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़े उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला रविवार को होगा।
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि लोग "भ्रष्टाचार और घोटालों" से तंग आ चुके हैं, उन्होंने मध्य प्रदेश में बदलाव के लिए मतदान किया है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना के जादू से सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद कर रही है। यह योजना चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू की गई, जिसके तहत हर परिवार की एक महिला सदस्य के खाते में एक हजार रुपये डाला जाता है।
कांग्रेस 2018 में 114 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। बहुमत से कुछ सीटें कम आने के कारण उसने निर्दलीय, समाजवादी पार्टी और बसपा विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। हालांकि, पार्टी के भीतर पैदा हुए राजनीतिक संकट ने भाजपा को 15 महीने बाद सत्ता में वापस ला दिया।
मार्च 2020 में 22 कांग्रेस विधायकों के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए और कमल नाथ की सरकार सत्ता से बाहर हो गई।
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव हुआ और राज्य में रिकॉर्ड 77.82 प्रतिशत मतदान हुआ - जो 2018 के चुनावों से 2.19 प्रतिशत अधिक है।
चुनाव आयोग (ईसी) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में डाक मतपत्रों की गिनती के लिए कुल 692 टेबलें लगाई गई हैं, जबकि ईवीएम रखने के लिए 4,369 टेबलें लगाई गई हैं।
डाक मतपत्रों की गिनती सुबह 8 बजे से 8.30 बजे के बीच की जाएगी, जिसके बाद अधिकारियों और राजनीतिक दलों के अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में ईवीएम के माध्यम से वोटों की गिनती शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि डाक मतपत्रों की गिनती के तुरंत बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा उम्मीदवार-वार इसका परिणाम घोषित किया जाएगा और प्रत्येक दौर की गिनती पूरी होने के बाद यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
सबसे ज्यादा 26 राउंड की गिनती झाबुआ सीट पर होगी, जबकि सबसे कम 12 राउंड दतिया जिले की सेवड़ा सीट पर होंगे।
एमपी के चुनाव आयुक्त अनुपम राजन ने कहा, “मतगणना के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं और सभी जिला रिटर्निंग अधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने मतगणना के दिन को 'सूखा दिन' घोषित किया है, इसलिए शराब की दुकानें बंद रहेंगी।
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