प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ पर बयान दिया और इसे एक सफल आयोजन बताया।
 |
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाकुंभ पर वक्तव्य दिए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि उन्होंने (मोदी ने) आयोजन स्थल पर भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी और सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें बोलने नहीं मौका नहीं मिला।
उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को रोजगार के बारे में बोलना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जो कहा, मैं उसका समर्थन करना चाह रहा था। कुंभ हमारी परंपरा, इतिहास और संस्कृति है। हमारी एक ही शिकायत है कि प्रधानमंत्री ने उन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी, जिन्होंने कुंभ में (भगदड़ से) जान गंवाई। कुंभ की अपनी जगह है, लेकिन कुंभ में गए युवा प्रधानमंत्री से एक और चीज चाहते हैं, और वह है रोजगार। प्रधानमंत्री को रोजगार पर भी बोलना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मुताबिक, सदन में विपक्ष के नेता को बोलने का मौका मिलना चाहिए, लेकिन वे हमें बोलने नहीं देंगे। यही नया भारत है।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘‘संसद में प्रधानमंत्री के वक्तव्य के बाद विपक्ष को भी बोलने देना चाहिए था, क्योंकि कुंभ के विषय पर विपक्ष की भी भावनाएं हैं, जिसे लेकर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इसलिए विपक्ष को भी इस बारे में बोलने देना चाहिए था।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए ‘महाकुंभ’ को भारत के इतिहास में अहम मोड़ करार देते हुए मंगलवार को लोकसभा में कहा कि दुनिया ने देश के विराट स्वरूप को देखा और यह ‘सबका प्रयास’ का साक्षात स्वरूप भी था, जिसमें ‘एकता का अमृत’ समेत कई अमृत निकले।
प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ को लेकर निचले सदन में दिए गए एक वक्तव्य में मोदी ने यह भी कहा कि महाकुंभ में अनेकता में एकता का विराट रूप, देश की सामूहिक चेतना और सामर्थ्य भी दिखा।
| | |
 |