केंद्रीय व राज्य सूचना आयोगों में खाली पद तुरंत भरें जाएं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी - CEC) और राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी - SIC) में रिक्तियों पर नाराजगी जताते हुए केंद्र को जल्द इन्हें भरने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट |
सीआईसी में सूचना आयुक्तों के शीघ्र चयन का निर्देश देते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिरंिसह की पीठ ने केंद्र से कहा, ‘इन पदों को यथाशीघ्र भरा जाना चाहिए, अन्यथा इस संस्था के होने का क्या फायदा, यदि हमारे पास काम करने वाले लोग ही नहीं हैं?’
पीठ ने सीआईसी और एसआईसी में केवल एक विशेष श्रेणी के उम्मीदवारों की नियुक्ति की आलोचना की तथा इन आयोगों में सभी क्षेत्रों के लोगों के बजाय नौकरशाहों की मौजूदगी का न्यायिक संज्ञान लेने पर विचार किया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘हम इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकते हैं कि इन आयोगों में केवल एक ही श्रेणी के लोग हैं। केवल नौकरशाहों की ही नियुक्ति क्यों की जानी चाहिए और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की नियुक्ति क्यों नहीं की जानी चाहिए। हम इस पर और कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन इस पर गौर करने की जरूरत है।’
याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि 2019 में शीर्ष अदालत ने सीआईसी और एसआईसी में रिक्तियों को भरने के लिए निर्देश जारी किए थे, लेकिन राज्यों ने चयन प्रक्रिया में देरी की और वस्तुत: सूचना का अधिकार अधिनियम को कमजोर कर दिया।
न्यायालय से संबंधित सचिवों को बुलाने या जवाब मांगने का आग्रह करते हुए भूषण ने कहा कि इस मंच का उपयोग करने वाले लोगों को रिक्तियों के कारण भारी कठिनाई हो रही है तथा राज्य सरकारों द्वारा नियुक्ति नहीं किये जा सकने से अधिनियम का मूल उद्देश्य ही विफल हो रहा है।
भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत ने विभिन्न क्षेत्रों से रिक्तियों को भरने के लिए निर्देश जारी किए हैं। पीठ ने केंद्र को ऐसे पदों के लिए अगस्त 2024 में शुरू हुई चयन प्रक्रिया पर वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने और इसके पूरा होने की समयसीमा बताने का निर्देश दिया।
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