One Nation-One Election: एक साथ चुनाव न कराने से होती है धन की बर्बादी
One Nation-One Election: देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराने के मकसद से लाए जा रहे विधेयक में कहा गया है कि विभिन्न कारणों से एक साथ चुनाव कराना जरूरी है क्योंकि चुनावों में बहुत खर्च होता है और समय भी लगता है।
संसद भवन |
‘एक देश, एक चुनाव’ से संबंधित संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक आगामी सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दी थी।
‘संविधान (129वां) संशोधन विधेयक, 2024’ में इस बात को रेखांकित किया गया है कि बार-बार चुनाव आचार संहिता लगाए जाने से विकास कार्यक्रमों में ठहराव पैदा हो जाता है तथा सरकारी सेवाओं के कामकाज पर भी असर पड़ता है और चुनावी ड्यूटी के लिए लंबे समय तक कर्मचारियों तैनाती के चलते सेवाओं में उनकी भागीदारी कम हो जाती है।
इस विधेयक में एक नया अनुच्छेद 82ए सम्मिलित करने का प्रस्ताव है जिसके मुताबिक, लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव और अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों की अवधि), अनुच्छेद 172 (राज्य विधानमंडलों की अवधि) और अनुच्छेद 327 में (विधानमंडलों के चुनाव के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति) में संशोधन किया जाना है।
विधेयक में यह भी प्रावधान है कि इसके अधिनियमित होने पर आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख पर राष्ट्रपति द्वारा एक अधिसूचना जारी की जाएगी और अधिसूचना की उस तारीख को नियत तिथि कहा जाएगा।
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