अब मोबाइल टॉवर की जरूरत ख़तम, सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएंगे स्मार्टफोन

Last Updated 26 Nov 2024 11:36:44 AM IST

अब मोबाइल टॉवर की जरूरत ख़तम होने वाली है। स्मार्टफोन अब सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएंगे।


अब मोबाइल टॉवर की जरूरत ख़तम

SpaceX के स्टारलिंक ने एक नई सैटेलाइट कम्युनिकेशन सर्विस डायरेक्ट-टू-सेल (direct-to-cell) लॉन्च करके यह सुविधा प्रदान कर दी है। यहां बता दें कि SpaceX के मालिक Elon Musk हैं। इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स डायरेक्ट अपने स्मार्टफोन्स को स्टारलिंक के सैटेलाइट्स से कनेक्ट कर सकेंगे। ऐसे में ट्रेडिशन मोबाइल टावर की जरूरत खत्म हो जाएगी और उन जगहों पर भी इंटरनेट व कॉल कनेक्टिविटी मिलेगी जहां तक अभी टेलिकॉम कंपनियां सेल टावर्स नहीं पहुंचा सकी हैं। Starlink की direct-to-cell सर्विस लॉन्च के साथ ही स्पेसएक्स की टीम ने कई बड़ी टेलिकॉम कंपनियों के साथ साझेदारी की भी घोषणा की। एलन मस्क ने खुद एक पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए इस लिस्ट की पुष्टि की है। पिछले कुछ महीनों से स्टारलिंक लगातार अपनी सैटेलाइट कम्युनिकेशंस नेटवर्क को एक्सपेंड कर रहा है। कंपनी रफ्तार बढ़ाने के लिए लगातार नए रॉकेट्स लॉन्च करने के साथ ही नए सैटेलाइट्स भी तैनात कर रही है।

स्टारलिंक की यह नई सर्विस निश्चित तौर पर सैटेलाइट कम्युनिकेशन में कामयाबी की नई इबारत लिख सकती है। स्मार्टफोन को सीधे सैटेलाइट से कनेक्शन उपलब्ध कराने वाली सर्विस में किसी भी तरह के सेल टावर की जरूरत नहीं होगी। इस नई सफलता से उन इलाकों में भी आसानी से कम्युनिकेशन सर्विसेज उपलब्ध होंगी जहां अभी कोई कवरेज नहीं है। 2025 में स्टारलिंक की Direct-to-Cell सर्विस को रोलआउट किए जाने की उम्मीद है। बता दें कि दुनियाभर में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए स्पेसएक्स लगातार नए सैटेलाइट्स को डेप्लॉय कर रहा है। मौजूदा मोबाइल नेटवर्क के साथ सैटेलाइट टेक्नोलॉजी को इंटिग्रेट करने से यह सर्विस टेक्स्ट मैसेज, कॉलिंग और बिना किसी स्पेशल हार्डवेयर या ऐप के बिना ही डेटा सर्विसेज ऑफर करती है।

मोबाइल कवरेज को एक्सपेंड करने के अलावा, डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी इमरजेंसी में भी काफी काम की साबित हो सकती है। आमतौर पर साइक्लोन, भूकंप जैसी आपदा आने पर मोबाइल टावर गिरने, वायरिंग में समस्या आने या खराब होने जैसा समस्या होती है। लेकिन अगर फोन सैटेलाइट नेटवर्क से कनेक्ट होंगे तो आपदा वाली जगह पर भी कनेक्टिविटी चालू रहेगी और बिना देरी इमरजेंसी सर्विसेज सपोर्ट मिलेगा। मोबाइल कवरेज को एक्सपेंड करने के अलावा, डायरेक्ट-टू-सेल सर्विस लाखों Internet of Things (IoT) डिवाइसेज को भी कनेक्टिविटी ऑफर करेगी। स्पेसएक्स का दावा है कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए डिवाइसेज को कनेक्ट करने के लिए किसी स्पेशल या अतिरिक्त हार्डवेयर की जरूरत नहीं होती है। यूजर्स को इमरजेंसी के दौरान खासकर ग्रामीण इलाकों या उन एरिया में ट्रैवल करते समय जो डेड ज़ोन है, वहां बिना बाधा कनेक्टिविटी मिलती रहेगी।

स्पेसएक्स फिलहाल दुनिया के सबसे एडवांस्ड रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट मैन्युफैक्चर कर रही है।। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक सैटेलाइट्स को डेप्लॉय करने के लिए स्पेसक्राफ्ट व रॉकेट को भी लॉन्च कर रही है। डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट्स फिलहाल SpaceX के Falcon 9 रॉकेट और Starship पर लॉन्च किए जाएंगे। अगर एलन मस्क की यह टेक्नोलॉजी सफल हो जाती है तो निश्चित तौर पर टेक्नोलॉजी का भविष्य पूरी तरह बदल जाएगा। टेलिकॉम इंडस्ट्री पर इसका गहरा असर होगा और कमर्शियल तौर पर आम लोगों के लिए लॉन्च होने के बाद मोबाइल टावर्स की जरूरत धीरे-धीरे खत्म हो सकती है। Starlink एक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है जिसके जरिए 100 से ज्यादा देशों में हाई-स्पीड डेटा मुहैया कराना है। केबल-बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विसेज से अलग टेस्ला के सीईओ के Starlink किसी भी ऐसी जगह काम करता है जहां से सीधे आसमान का व्यू मिलता हो।
 

 

 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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