सरकारी कर्मचारियों की उड़ी नींद, कर्मयोगियों को करनी होगी परीक्षा पास, तभी मिलेगा वेतन

Last Updated 20 Nov 2024 06:51:01 AM IST

जो सरकारी कर्मचारी कर्मयोगी नहीं बने हैं, उन्हें तब तक वेतन नहीं मिलेगा जब तक वे कर्मयोगी की परीक्षा पास न कर लें। मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को कर्मयोगी बनाने के लिए मिशन कर्मयोगी शुरू किया है।


आदर्श, तकनीकी और रचनात्मक बनाने के लिए मिशन शुरू किया है। इस मिशन के तहत सरकारी सेवा में आये सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को परीक्षा पास करना अनिवार्य है।

कैबिनेट ने 2 सितम्बर, 2020 को नये भारत के अनुरूप कर्मचारियों को तैयार करने के लिए मिशन कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी थी।

इस प्रस्ताव के अनुसार सिविल सेवाओं में भर्ती के बाद सुधार लाने और वर्तमान कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए मिशन कर्मयोगी मानव संसाधन विकास कार्यक्रम शुरू करना था।

इस योजना का उद्देश्य प्रशिक्षण को मानकीकृत करना ताकि अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों को अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करेगा।

कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि मिशन कर्मयोगी एक सरकारी कर्मचारी को एक आदर्श कर्मयोगी के रूप में पुनर्जन्म देने का एक प्रयास है, ताकि उसे रचनात्मक, सक्रिय और तकनीकी रूप से सशक्त बनाकर राष्ट्र की सेवा की जा सके। यह प्रयास वर्तमान कार्य संस्कृति को समाप्त कर, राष्ट्र के दृष्टिकोण और मोदी सरकार की आकांक्षा और भविष्य के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक सामान्य मंच की शुरुआत करके प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उपलब्ध कराना है।

मिनश कर्मयोगी-राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम के माध्यम से मानव संसाधन प्रबंधन को नियम-आधारित से भूमिका-आधारित में बदलने का प्रयास है। इसके लिए सरकार ने आईगोट नाम का एक पोर्टल तैयार किया है।

इस पोर्टल में पाठय़क्रम के रिकार्डेड चैप्टर डाले गये हैं। कर्मचारियों को इस अध्यायों को सुनना है और फिर पूछे गये प्रश्नों को जवाब देना है। उसके बाद उनका मूल्यांकन किया जाता है और नम्बर दिये जाते हैं। जो फेल होते हैं, उन्हें दोबारा मौका मिलता है और पास होते हैं उन्हें प्रमाण पत्र मिलता है। अब तीन साल पूरे होने पर सभी को यह कोर्स पूरा करना चाहिए था। जिन कर्मचारियों ने कोर्स पूरा नहीं किया है, उन्हें कहा है कि जल्दी से कोर्स पूरा कर लें और मंत्रालयों से कहा गया है कि ऐसे कर्मचारियों को वेतन रोक दें और जैसे ही वह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करे, फिर उनका वेतन जारी कर दें।

समय डिजिटल डेस्क
नई दिल्ली


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