49 years of Emergency: आपातकाल की बरसी पर BJP नेताओं ने कांग्रेस पर साधा निशाना, PM मोदी बोले- भारत के संविधान को रौंदा गया
देश में इमरजेंसी को लगे 49 साल पूरे हुए हैं। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसा है।
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने देश में आपातकाल लगाए जाने के 49 साल पूरे होने पर मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि विपक्षी दल द्वारा लोकतंत्र की हत्या करने और उसे बार-बार नुकसान पहुंचाने के लंबे इतिहास में यह सबसे बड़ा उदाहरण है।
मोदी ने उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि आज उन सभी महान लोगों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन लोगों ने इमरजेंसी का विरोध किया था। इमरजेंसी के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को खत्म कर दिया था. भारत के संविधान को रौंदा गया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है।
Today is a day to pay homage to all those great men and women who resisted the Emergency.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2024
The #DarkDaysOfEmergency remind us of how the Congress Party subverted basic freedoms and trampled over the Constitution of India which every Indian respects greatly.
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र के संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठाई गई आवाजों को दबाने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
June 25, 1975- this is the day the Congress Party's politically driven decision to impose a state of emergency shook the very pillars of our democracy and tried to trample over the Constitution given by Dr. Ambedkar.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 25, 2024
During this period, those who today claim to be guardians of…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय है, जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता।
सिंह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "सत्ता के दुरुपयोग और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है।"
आज के ठीक 49 साल पहले भारत में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाया गया था। आपातकाल हमारे देश के लोकतंत्र के इतिहास का वह काला अध्याय है जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता। सत्ता के दुरुपयोग, और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 25, 2024
उन्होंने कहा कि यदि आज इस देश में लोकतंत्र जीवित है तो उसका श्रेय उन लोगों को जाता है जिन्होंने लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष किया, जेल गये और न जाने कितनी शारीरिक और मानसिक यातना से उन्हें गुज़रना पड़ा।
उन्होंने कहा, "भारत की आने वाली पीढ़ियां उनके संघर्ष और लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनके योगदान को याद रखेंगी।"
भाजपा ने कांग्रेस की तीखी आलोचना ऐसे समय की है जब विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगा रहे हैं।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू होने पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य संसद में संविधान की प्रतियां लेकर गए थे।
मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए आपातकाल लगाए जाने का भी जिक्र किया था और लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि ऐसा दोबारा न हो।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। साल 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।"
उन्होंने कहा कि अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे, मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी थी, संविधान में बदलाव किए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिए थे।
उन्होंने कहा, "आपातकाल के खिलाफ संसद से सड़क तक आंदोलन करने वाले असंख्य सत्याग्रहियों, समाजसेवियों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं व महिलाओं के संघर्ष को नमन करता हूं।"
भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि आपातकाल लागू करने के कांग्रेस के राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसले ने लोकतंत्र के स्तंभों को हिला दिया क्योंकि उसने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को रौंदने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा, "इस अवधि के दौरान, उन लोगों ने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठाई गई आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जो आज भारतीय लोकतंत्र के संरक्षक होने का दावा करते हैं।"
नड्डा ने कहा, "मुझे गर्व है कि हमारी पार्टी उस परंपरा से संबद्ध है जिसने आपातकाल का जी-जान से विरोध किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम किया।
साल 1975 में 25-26 जून की दरम्यानी रात से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) के लिए भारत में आपातकाल घोषित किया गया था।
तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी थी।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक समय था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे और सभी नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था।
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