संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में गिरफ्तार सभी छह आरोपियों का बुधवार को एक-दूसरे से आमना-सामना कराया गया ताकि विशेष प्रकोष्ठ घटनाक्रम की पुष्टि कर सके। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी।
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सभी छह आरोपियेां को दिल्ली पुलिस विशेष प्रकोष्ठ की पांच अलग-अलग इकाइयों में रखा गया है, जहां सुरक्षा एजेंसियां उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी हैं।
सूत्रों ने बताया कि बुधवार को उन्हें विशेष प्रकोष्ठ के ‘काउंटर इंटेलिजेंस’ (सीआई) कार्यालय ले जाया गया और एक-दूसरे से उनका आमना-सामना कराया गया।
उन्होंने बताया कि उनमें से दो आरोपियों - नीलम और मनोरंजन - को पहले से ही न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित सीआई के कार्यालय में रखा गया था, जबकि चार अन्य को विभिन्न जगहों से लाया गया।
चार आरोपियों - मनोरंजन डी., सागर शर्मा, नीलम और अमोल शिंदे को आज अदालत में पेश किया जाना है क्योंकि उनकी सात दिन की पुलिस हिरासत गुरुवार को समाप्त हो रही है।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग कर सकती है।
2001 के संसद हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में प्रवेश करने में कामयाब रहे दो लोगों की पहचान मनोरंजन डी. और सागर शर्मा के रूप में की गई।
मनोरंजन कर्नाटक से इंजीनियरिंग का छात्र है, शर्मा का विजिटर पास कर्नाटक के मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर जारी किया गया था।
अन्य दो, एक पुरुष और एक महिला, जो संसद के बाहर रंगीन फ़्लेयरों के साथ विरोध कर रहे थे और जिन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था, उनकी पहचान हरियाणा के जिंद निवासी नीलम और महाराष्ट्र के लातूर निवासी अमोल शिंदे के रूप में की गई।
मनोरंजन, शर्मा, नीलम और शिंदे के फोन लेकर भागे संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले के कथित मास्टरमाइंड ललित झा ने कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उससे पूछताछ के बाद, पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन के छठे आरोपी महेश कुमावत को आपराधिक साजिश और सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
बुधवार को दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के जालौन के उरई से भी एक शख्स को हिरासत में लिया।
उसकी पहचान 50 वर्षीय अतुल कुलश्रेष्ठ के रूप में हुई और वह एक सोशल मीडिया पेज/समूह भगत सिंह फैंस क्लब का सदस्य है।
झा की निशानदेही पर जले हुए फोन की बरामदगी के बाद पुलिस ने पहले से दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (सबूत नष्ट करना/साक्ष्य गायब करना) जोड़ने का फैसला किया है।
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