दिसंबर में लोकसभा चुनाव कराने को लेकर नीतीश कुमार और ममता के दावे की असली वजह !

Last Updated 29 Aug 2023 05:04:26 PM IST

लोकसभा के आम चुनाव अगर अपने तय समय पर होंगे तो 2024 के मार्च अप्रैल में शुरू हो जाएंगे। लेकिन विपक्षी पार्टी के नेताओं के कुछ ऐसे बयान आ रहे हैं जिसे सुनकर ऐसा लगता है कि लोकसभा का आम चुनाव समय से पहले ही करा लिया जाएगा।


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पिछले दो दिनों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी वर्ष दिसंबर के महीने में लोकसभा चुनाव होने की आशंका व्यक्त की है।अगर वर्तमान हालात पर गौर करें तो उन दोनों नेताओं की आशंकाएं निर्मूल नहीं हो सकती हैं। क्योंकि 2023 के आखिर में देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उन राज्यों में बीजेपी की स्थिति को बहुत अच्छा नहीं बताया जा रहा है।

तमाम सर्वे यही बता रहे हैं कि उन राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है। ऐसे में बीजेपी हार का बोझ लेकर लोकसभा चुनाव में जाना नहीं चाहेगी। इसलिए उसकी कोशिश होगी कि विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा का चुनाव भी करा दिया जाए। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के ऐसे बयानों के पीछे सम्भव है कि कोई न कोई राजनैतिक कारण हो लेकिन उनकी आशंका को हल्के में भी नहीं लिया जा सकता। तो क्या यह मान लिया जाए की सभी पार्टियां अंदरुनी तौर पर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जी जान से जूट गई हैं।

2023 के आखिरी महीने यानी दिसंबर में मिजोरम, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन पांच राज्यों के चुनाव को लोकसभा के पहले का सेमीफाइनल मैच माना जा सकता है। लिहाजा हर गठबंधन की कोशिश होगी कि वह सेमीफाइनल जीत कर फाइनल मैच में प्रवेश करे यानी लोकसभा का चुनाव लड़े। ममता और नीतीश के बयान के बाद पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम का देश की जनता भी बेसब्री से इंतजार कर रही होगी।

यहां बता दें कि देश के पांच राज्य तेलंगाना, छत्तीसगढ़,मिज़ोरम, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव को लेकर अब तक जो सर्व हुए हैं, उसके मुताबिक मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार नहीं बन पा रही है। जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इन चुनावों को लोकसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है। यानी इन चुनावों में जिस भी गठबंधन का प्रदर्शन ठीक रहा तो उसे लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है।


इन चुनावों में जो गठबंधन जीतेगा उसका न सिर्फ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि लोकसभा चुनाव में और भी जोर-जोर से अपना प्रचार-प्रसार करेगा। भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन, यह दावा कर रहा है कि 2024 में उसकी बंपर जीत होने जा रही है और तीसरी बार केंद्र में उनकी सरकार बनने जा रही है। जबकि विपक्ष का सबसे बड़ा गठबंधन इंडिया मजबूती से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है। इंडिया गठबंधन के सभी दल यह दावा कर रहे हैं कि 2024 में न सिर्फ वो बीजेपी को शिकस्त देंगे बल्कि केंद्र में सरकार भी बनाएंगे।

 देश भर में चल रही इन खबरों के बीच निश्चित तौर पर बीजेपी के शीर्ष नेता भी मंथन कर रहे होंगे। बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी विचार कर रहा होगा कि इस समय क्या करना चाहिए, क्योंकि बीजेपी भी नहीं चाहेगी कि सेमीफाइनल में हार का बोझ लेकर लोकसभा चुनाव के फाइनल मुकाबले में उतरा जाए। ऐसे में अगर वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिसंबर के महीने में चुनाव कराने  की आशंका जाहिर कर रहे हैं तो कोई ऐसे ही नहीं कर रहे हैं।

 जिस तरह पिच देख कर क्रिकेट के खिलाड़ी यह अनुमान लगा लेते हैं कि उस पर बैटिंग कैसी होगी और बोलिंग कैसे होगी। उसी तरीके से राजनीति के खिलाड़ी भी समय और हालात को भाँप कर समझ जाते हैं कि  राजनीतिक हवा का रुख क्या है, और ऐसे में क्या करना चाहिए। लिहाजा 2023 के दिसंबर महीने में अगर लोकसभा का चुनाव हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए।

 

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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