क्या हुआ जब CJI D Y Chandrachud ने केंद्र सरकार से पूछा, जम्मू-कश्मीर को कब दिया जाएगा राज्य का दर्जा
मंगलवार को जम्मू कश्मीर के मामलों की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की समय-सीमा को लेकर सवाल किया है।
![]() Supreem Court On Jammu-Kashmir |
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई समय सीमा और कोई रोडमैप है? जिसे संविधान के अनुच्छेद 370 में किए गए बदलावों के बाद दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया गया था। अनुच्छेद 370 मामले पर याचिकाओं की सुनवाई कर रही पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा,और कहा कि वो समझते हैं कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा जुड़े मामले हैं। अगर सबसे बड़ी चिंता है तो राष्ट्र का संरक्षण ही है, लेकिन क्या आप हाई लेवल से ये जान सकते हैं जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने कि समय-सीमा क्या है, इसका क्या कोई रोडमैप है?”
दरअसल यह सवाल तब सामने आया जब तुषार मेहता ने राज्यों के पुनर्गठन पर बात की और पीठ को अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर के संबंध में लिए गए फैसलों के बारे में बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हमेशा के लिए जम्मू-कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश नहीं रख सकते इसलिए सरकार को इसका रोडमेप बताना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर केवल अस्थायी तौर पर केंद्र शासित प्रदेश है और इसका राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, हालांकि लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि जल्द ही सकारात्मक बयान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैंने निर्देश ले लिया है और निर्देश यह है कि यूटी एक स्थायी विशेषता नहीं है और मैं परसों एक सकारात्मक बयान दूंगा। लद्दाख एक यूटी बना रहेगा।”
हालांकि सीजेआई ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि राज्य का दर्जा कब बहाल किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब कराए जाएंगे। केंद्र की सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के लिए जो कदम उठाया था। उसे चुनौती दी गई थी। उन्ही याचिकाओं की सुनवाई हो रही है। केंद्र की सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म कर दिया था। मंगलवार को सुनवाई का बारहवां दिन था।
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