जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला मंगलवार को अमृतसर पहुंचे और सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेका। वह भारी सुरक्षा के घेरे में श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे। सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक होकर फारूक अब्दुल्ला ने वाहेगुरु का शुक्राना अदा किया।
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सिख धर्म के सर्वोच्च स्थलों में से एक श्री हरमंदिर साहिब में पहुंचने पर फारूक अब्दुल्ला श्री गुरु अर्जन देव जी के सम्मान में काफी अभिभूत नजर आए। इस दौरान, श्री गुरु राम दास जी की समाधि के समीप खड़े होकर उन्होंने वहां की शांति और धार्मिक वातावरण की सराहना की। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को सम्मानित किया।
वहीं, मीडिया से बातचीत करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह बहुत पवित्र जगह है, यहां आकर मन को शांति मिलती है। मैं अपने दोस्तों का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे यहां आने का अवसर दिया। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में जो सियासी आग लगी है, वह सही नहीं है। हम सभी को एकजुट होना चाहिए। जब भी भारत पर कोई संकट आता है, हम सब मिलकर उसका मुकाबला करेंगे। जम्मू-कश्मीर को लेकर उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और सुप्रीम कोर्ट ने जो वादा किया है, वह जल्द पूरा होगा और हमारे राज्य का दर्जा वापस बहाल होगा।
जम्मू-कश्मीर को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हर रियासत की अपनी समस्याएं होती हैं और केंद्र सरकार को उन समस्याओं को समझना चाहिए। हमारी संस्कृति, भाषा और धर्म अलग-अलग है, और केंद्र सरकार को इस विविधता को समझते हुए हमारे मुद्दों का हल निकालना चाहिए। केवल इसी तरह से हम अपनी मुश्किलों का समाधान कर सकते हैं।
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