पराली जलाने की नहीं आएगी नौबत, अगले पांच साल में पराली से ईंधन बनाने के सौ प्लांट लगाएगा रिलायंस
पराली को लेकर अकसर दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ने की खबरें हर साल सुनने और देखने को मिल जाती हैं।
पराली जलाने की नहीं आएगी नौबत |
लेकिन अब शायद अगले कुछ वर्षों में इस समस्या से निजात मिल जाएगी। लगभग एक साल पहले जैव एनर्जी में एंट्री कर चुकी रिलायंस इंडस्ट्रीज अब पराली से ईंधन बनाने के मामले में देश की सबसे बड़ी उत्पादक बन चुकी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की 46वीं सालाना आम बैठक में बायोगैस प्लांट के बारे में जानकारी देते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस (Reliance Industries) अगले पांच साल में 100 और प्लांट को लगाएगी और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पराली से ईंधन का उत्पादन करेगा। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कंपनी ने पहला कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट स्थापित किया है। इसके लिए रिलायंस ने स्वदेशी तौर पर कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) तकनीक विकसित की है।
वार्षिक आम बैठक में कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट की जानकारी देते हुए मुकेश अंबानी ने कहा, “हमने रिकॉर्ड 10 महीने में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में प्लांट लगाया है, हम तेजी से पूरे भारत में 25 प्लांट्स और लगाएंगे। हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 100 से अधिक प्लांट लगाने का है। इन प्लांट्स में 55 लाख टन कृषि-अवशेष और जैविक कचरा खप जाएगा। जिससे लगभग 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा और सालाना 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन होगा। बताते चलें कि भारत में लगभग 23 करोड़ टन गैर-मवेशी बायोमास (पराली) का उत्पादन होता है और इसका अधिकांश भाग जला दिया जाता है। जिससे वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है। सर्दियों के दौरान राजधानी दिल्ली समेत कई भारतीय शहर पराली जलाने के कारण गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं। रिलायंस की इस पहल से वायु प्रदूषण में खासी कमी आने की उम्मीद है।
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