Manipur violence : केंद्र ने किया जांच आयोग का गठन
केंद्र ने मणिपुर (Manipur violence) में हाल में हुई हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय (Gauhati High Court) के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा (Ajai Lamba) की अध्यक्षता में रविवार को एक जांच आयोग का गठन किया।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा |
राज्य में हिंसा में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, आयोग तीन मई को और उसके बाद मणिपुर (Manipur) में विभिन्न समुदायों के सदस्यों की लक्षित हिंसा और दंगों के कारणों तथा प्रसार के संबंध में जांच करेगा।
यह आयोग उन घटनाओं की कड़ी और ऐसी ¨हसा से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगा। यह भी देखा जाएगा कि क्या किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों/लोगों की ओर से इस संबंध में कोई चूक या कर्तव्य में लापरवाही हुई? जांच में ¨हसा और दंगों को रोकने तथा इससे निपटने के लिए किए गए प्रशासनिक उपायों पर भी गौर किया जाएगा।
अधिसूचना के अनुसार आयोग द्वारा उसके समक्ष किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा दी जाने वाली शिकायतों पर भी गौर किया जाएगा। आयोग जितनी जल्दी हो सके केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, लेकिन अपनी पहली बैठक की तारीख से छह महीने के भीतर यह हो जाना चाहिए।
अधिसूचना में कहा गया है आयोग अगर उचित समझे, तो उक्त तिथि से पहले केंद्र सरकार को अंतरिम रिपोर्ट दे सकता है। अधिसूचना के मुताबिक आयोग के अन्य सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सेवानिवृत्त अधिकारी हिमांशु शेखर दास और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के सेवानिवृत्त अधिकारी आलोक प्रभाकर हैं।
गृह मंत्री की राजमार्ग-दो से नाकेबंदी हटाने की अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को मणिपुर के लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग-दो से नाकेबंदी हटाने की अपील की, ताकि राज्य में भोजन, दवा और ईंधन जैसी बुनियादी और जरूरी चीजें पहुंच सकें।
शाह ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर नागरिक समाज के सदस्यों से इस संदर्भ में पहल करने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘मणिपुर के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि इंफाल-दीमापुर, राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर लगाई गई नाकेबंदी को हटा लें, ताकि भोजन, दवाइयां, पेट्रोल/डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों तक पहुंच सकें।’
उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी अनुरोध करता हूं कि नागरिक संगठन आम सहमति बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।’ मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय ¨हसा भड़क उठी।
| Tweet |