7,700 दवाओं के नमूनों को खराब गुणवत्ता वाला किया गया घोषित
दवाओं के कुल 7,700 नमूनों को मानक गुणवत्ता के नहीं घोषित किया गया और पिछले तीन वर्षो के दौरान परीक्षण के लिए चुने गए कुल 84,874 नमूनों में से 670 को नकली या मिलावटी घोषित किया गया।
दवाओं को नकली या मिलावटी घोषित |
सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि दवाओं के कुल 2,652 नमूनों को मानक गुणवत्ता के नहीं घोषित किया गया और वर्ष 2020-21 के दौरान परीक्षण के लिए चुने गए कुल 84,874 नमूनों में से 263 को नकली या मिलावटी घोषित किया गया है।
पिछले तीन वर्षों के दौरान परीक्षण किए गए नमूनों, घटिया और नकली/मिलावटी घोषित दवा के नमूनों की संख्या के संदर्भ में प्रवर्तन कार्रवाई की गई थी। जबकि 164 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था क्योंकि संबंधित प्राधिकरण ने वर्ष 2020-21 में अभियोजन शुरू किया था, पिछले तीन वर्षों में 500 से अधिक ऐसी गिरफ्तारियां की गईं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को लोकसभा में एक जवाब में कहा कि देश में दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और नियम, 1945 के प्रावधानों के तहत नियंत्रित किया जाता है। देश में दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर नियामक नियंत्रण संबंधित राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों (एसएलए) द्वारा लाइसेंस और निरीक्षण की प्रणाली के माध्यम से किया जाता है। लाइसेंस की शर्तों के उल्लंघन के मामले में एसएलए को कानूनी रूप से कार्रवाई करने का अधिकार है।
सरकार ने निर्माताओं और नियामक अधिकारियों के लिए कानूनी प्रावधानों, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत करने और जोखिम आधारित निरीक्षण जैसे उपायों सहित उपाय किए हैं।
नकली और मिलावटी दवाओं के निर्माण के लिए कड़े दंड का प्रावधान करने के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स (संशोधन) एक्ट 2008 के तहत संशोधित किया गया था। कुछ अपराधों को सं™ोय और गैर-जमानती भी बनाया गया है। इसके अलावा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया था कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत अपराधों की सुनवाई के लिए त्वरित निपटान के लिए विशेष अदालतें स्थापित करें। अब तक, 33 राज्यों ने पहले ही नामित विशेष अदालतें स्थापित कर ली हैं।
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