केंद्र सरकार 'हर घर तिरंगा' अभियान को लोकप्रिय बनाने के अपने प्रयासों को तेज करते हुए कॉपोर्रेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) फंड के खर्च को हरी झंडी दे दी है।
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यानी अब कंपनियां सीएसआर गतिविधियों के तहत 'हर घर तिरंगा' अभियान के लिए कार्यक्रम या इवेंट आयोजित कर सकती है। 'हर घर तिरंगा' अभियान का उद्देश्य लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है, "इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि इस अभियान से संबंधित गतिविधियों जैसे कि बड़े पैमाने पर उत्पादन और राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति, आउटरीच और अन्य संबंधित गतिविधियों की आपूर्ति के लिए सीएसआर फंड का खर्च कंपनी अधिनियम की अनुसूची सातवें के तहत पात्र सीएसआर गतिविधियां हैं।"
कंपनियां सीएसआर पॉलिसी नियम 2014 की पूर्ति और उसके मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी संबंधित परिपत्रों के अधीन उपरोक्त गतिविधियां कर सकती हैं।
'हर घर तिरंगा' अभियान को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एक बड़ी सफलता बनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा कॉर्डिनेट किया जा रहा है।
राष्ट्रीय झंडों की भारी मांग को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए व्यापारी संघ देशभर के कपड़ा निर्माताओं के साथ कॉर्डिनेट कर रहे हैं।
इससे पहले, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने कहा था कि अभियान में शामिल होने के लिए लोग पहले से ही तिरंगा खरीदने के लिए बड़ी संख्या में बाजारों का दौरा कर रहे हैं।
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