आंख मूंदकर नहीं कर सकते जजों की नियुक्ति : रिजीजू
विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि सरकार न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कोई विलंब नहीं करती लेकिन जब कोई नाम हमारे पास आता है तब हम आंख बंद करके उस पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते।
विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू |
निचले सदन में कुटुम्ब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए रिजीजू ने कहा, सरकार के पास जांच परख करने का एक तंत्र है जो सुप्रीम कोर्ट के पास नहीं है।
इस तंत्र से पृष्ठभूमि के बारे में पता लगाया जाता है। उन्होंने कहा, कोई नाम आने पर हम आंख बंद करके हस्ताक्षर नहीं कर सकते।
अगर हमने किसी नियुक्ति के मामले में हस्ताक्षर नहीं किया तब इसका वाजिब कारण होता है।
उन्होंने कहा, सरकार न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कोई विलंब नहीं करती और हमारा मन साफ है। रिजीजू ने कहा, जब से वह विधि मंत्री बने हैं तब से रिकार्ड संख्या में न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी स्पष्ट निर्देश है।
कुटुम्ब न्यायालय (संशोधन) बिल मंजूर
मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से कुटुम्ब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। रिजीजू ने कहा, बहुत जल्दी वे कुटुम्ब अदालतों के विषय की समीक्षा करने वाले हैं।
उन्होंने कहा, 30 जुलाई को जिला न्यायाधीशों का एक सम्मेलन बुलाया गया है। सम्मेलन में परिवार अदालतों से जुड़े विषय रखे जाएंगे।
रिजीजू ने कहा, देश में 715 परिवार अदालतें हैं और मई महीने तक इनमें 11.43 लाख मामले लंबित हैं।
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