जारी रहेगा किसान आंदोलन, सरकार से बातचीत को पांच सदस्यीय समिति
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई है और आगे की रूपरेखा तय करने के लिए सात दिसम्बर को बैठक होगी। एसकेएम ने शनिवार को बैठक के बाद साफ कर दिया कि मांगें माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
![]() संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता प्रेस कांफ्रेंस के दौरान। |
एसकेएम के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उन्होंने शनिवार को बैठक की और सरकार से औपचारिक और संतोषजनक प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होने तक किसान आंदोलन को जारी रखने का निर्णय किया।
सरकार से बातचीत के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है जिसमें किसान नेता बलबीर राजेवाल, युद्धवीर सिंह, गुरनाम सिंह चढूनी, अशोक धवले और शिवकुमार कक्का शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर छह मांगें की थीं। किसान संगठनों के पास अतीत से केवल मौखिक आासन देकर आंदोलन समाप्त कराने का कड़वा अनुभव है।
हम प्रत्येक मुद्दे पर औपचारिक आासन के बिना इस आंदोलन को समाप्त नहीं करेंगे। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानून वापस हो गए हैं, कमेटी बनाने की घोषणा हो चुकी है। इसलिए किसानों को आंदोलन समाप्त करके घर लौटना चाहिए।
किसानों की छह मांगें
सभी किसानों को उनके द्वारा बेचे जाने वाले किसी भी कृषि उपज के लिए लाभकारी एमएसपी प्राप्त करने के लिए कानूनी अधिकार, विद्युत संशोधन विधेयक 2020/2021 को वापस लेना, दिल्ली वायु गुणवत्ता विनियमन आयोग के गठन से संबंधित कानून की धारा 15 को हटाना और विभिन्न राज्यों में विरोध कर रहे किसानों और उनके समर्थकों पर लगाए गए मामलों को वापस लेना शामिल हैं।
एसकेएम ने कहा कि किसानों की मांगों में आंदोलन के शहीदों, जिनकी संख्या अब लगभग 708 पहुंच गई है, उनके परिजनों को मुआवजा, पुनर्वास की व्यवस्था और उनके लिए एक स्मारक बनाने के लिए भूमि आवंटन।
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