मैं तेंदुलकर नहीं, टीम को मिलकर करना होगा काम

Last Updated 05 Sep 2021 01:57:55 AM IST

भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कॉलेजियम द्वारा शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए सिफारिश किए जाने के बाद रिकॉर्ड छह दिनों में नौ न्यायाधीशों के नामों को मंजूरी देने के लिए शनिवार को केंद्र को धन्यवाद दिया।


भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण

इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें उम्मीद है कि विभिन्न हाईकोर्टों में नियुक्ति के लिए न्यायाधीशों के नामों को भी उसी गति से मंजूरी दी जाएगी।

रमण ने कहा, आप सभी ने मुझे नियुक्तियों का श्रेय दिया। लेकिन यह मेरा श्रेय नहीं है। मैं (सचिन) तेंदुलकर नहीं हूं, पूरी टीम को एक साथ काम करना होगा, तभी हम मैच जीतेंगे।
सीजेआई बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा यहां आयोजित एक सम्मान समारोह में बोल रहे थे।

इसमें तीन महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति के कुछ दिनों बाद कानून मंत्री किरण रिजिजू और शीर्ष अदालत के कई न्यायाधीशों ने भाग लिया, जिसमें एक भावी महिला प्रधान न्यायाधीश और शीर्ष अदालत में छह अन्य न्यायाधीश शामिल थे।

शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए नामों को मंजूरी देने के लिए कानून मंत्री का जिक्र करते हुए, रमण ने कहा, उन्होंने सभी नौ नामों को एक जेट गति से मंजूरी दे दी। मुझे लगता है कि रिकॉर्क छह दिनों के समय में बिना किसी बड़बड़ाहट या किसी अन्य चीज के तेज गति से नामों को मंजूरी दी गई।

उन्होंने कहा, मुझे नामों को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री, कानून मंत्री और भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहिए। मुझे हाईकोर्टों में नियुक्तियों के लिए समान गति की उम्मीद है।

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देशभर के हाईकोर्टों में कुल 1,098 न्यायाधीशों की संख्या के मुकाबले 465 रिक्तियां बनी हुई हैं। शुक्रवार की रात, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 हाईकोर्टों में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए 68 नाम (एक बार में सबसे अधिक) केंद्र को भेजे थे।

68 में से 44 वकील हैं, जबकि 24 न्यायिक अधिकारी हैं। 68 में से 10 महिलाएं भी हैं। शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने इलाहाबाद, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा, कलकत्ता, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुवाहाटी, कर्नाटक, मद्रास, केरल और जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्टों के लिए सिफारिशें की हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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