अफगानिस्तान पर समूचा विपक्ष सरकार के साथ
अफगानिस्तान पर तालिबान शासन के बाद वहां के हालात से निपटने में पूरे विपक्ष ने सरकार के साथ मिलकर एक मजबूत राष्ट्रीय रुख अपनाने की बात कही है। भारत सरकार की प्राथमिकता पहले वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने की है। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सरकार ने तालिबान को लेकर ‘देखो और प्रतीक्षा करो’ का रुख अपनाया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर |
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद उपजी चिंताओं और इस घटनाक्रम के भारत पर पड़ने वाले असर से संबंधित जानकारी विपक्ष के साथ साझा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर यह बैठक बुलाई गई थी।
विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में विदेश मंत्री ने कई जानकारियां साझा कीं। उसके बाद उन्होंने मीडिया को ब्रीफ किया। तालिबान को लेकर भारत के रुख के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने मीडया से कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति ठीक नहीं हुई है, इसे ठीक होने दीजिए। उन्होंने बताया कि विपक्षी नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी जो मुख्य रूप से वहां से लोगों को वापस लाने के बारे में थी। सरकार के साथ-साथ सभी विपक्षी दल भी यह संदेश देना चाहते हैं कि अफगानिस्तान के संवेदनशील विषय पर हमारे विचार समान हैं। इसके साथ ही यह भी संदेश देना है कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर हमारा मजबूत राष्ट्रीय रुख है। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अजरुन मेघवाल भी मौजूद थे। बैठक में मौजूद लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के अभियान के संबंध में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार सरकार ने 565 लोगों को बाहर निकाला है। जयशंकर ने कहा कि अभी सबसे पहली प्राथमिकता बचे हुए भारतीय नागरिकों को वहां से वापस लाने की है। सरकार सभी भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से जल्द से जल्द वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए ‘देवी शक्ति’ ऑपरेशन के तहत छह उड़ान संचालित की गयी हैं। सरकार सभी को निश्चित रूप से वापस लाएगी।
बाद में जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि विपक्षी दलों के संसदीय नेताओं को आज अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में जानकारी दी। 31 विपक्षी दलों के 37 नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया और वह उन सबका आभार प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में भारत की 500 से भी अधिक परियोजनाएं हैं जो अफगानिस्तान के लोगों के साथ हमारी मजबूत मित्रता का प्रतीक है। यह मित्रता निरंतर हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।
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