बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच में जुटी सीबीआई टीमों को मिली सीआरपीएफ की सुरक्षा
केंद्र ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच कर रही सीबीआई टीमों को सीआरपीएफ ने सुरक्षा मुहैया कराई है। सुरक्षा व्यवस्था के सूत्रों ने यहां गुरुवार को यह जानकारी दी।
बंगाल में चुनाव बाद हिंसा: सीबीआई टीमों को मिली सीआरपीएफ की सुरक्षा |
सूत्रों के मुताबिक, मामले की जांच कर रही सीबीआई टीमों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की चार कंपनियों को तैनात किया गया है।
चार में से दो कंपनियां कोलकाता में सीबीआई कार्यालय में तैनात होंगी, जबकि अन्य दो चुनाव बाद की हिंसा से प्रभावित जिलों में तैनात होंगी।
सीआरपीएफ के कुछ कर्मी जांच दल के साथ उन इलाकों का दौरा करेंगे जहां दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कथित तौर पर हिंसा हुई थी।
सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ के आदेश के बाद बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के 'गंभीर' मामलों को केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने हाथ में ले लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने गुरुवार को राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े नौ मामले दर्ज किए।
सूत्रों ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की चार इकाइयों को भी राज्यभर में अपराध स्थल पर भेजा गया है।
सूत्रों ने आगे बताया कि कुछ और मामले राज्य सरकार द्वारा सौंपे जा रहे हैं, जिनमें से कुछ के पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है।
19 अगस्त को, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा से संबंधित अन्य सभी अपराधों की जांच के लिए एक एसआईटी के गठन का आदेश दिया था।
पीठ ने कहा था कि दोनों जांच की निगरानी उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी, जिसने केंद्रीय जांच एजेंसी को अगले छह सप्ताह में अपनी जांच पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय के निर्देश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक समिति द्वारा 2 मई को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद राज्य में हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद आए, जिसमें ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखी।
आरोप लगाया गया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपने समर्थकों को तब नहीं रोका, जब वे 2 मई के बाद राज्यभर में विभिन्न स्थानों पर विरोधी भाजपा कार्यकर्ताओं से भिड़ गए।
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