राष्ट्रीय सुरक्षा से न हो समझौता : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 18 Aug 2021 02:14:25 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग से संबंधित याचिकाओं पर मंगलवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और यह स्पष्ट किया कि वह नहीं चाहता कि सरकार ऐसी किसी बात का खुलासा करे, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हो।


सुप्रीम कोर्ट

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने यह टिप्पणी सरकार के यह कहने के बाद की कि हलफनामे में सूचना की जानकारी देने से राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा है। पीठ ने कहा कि उसने सोचा था कि सरकार एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करेगी, लेकिन इस मामले में सिर्फ सीमित हलफनामा दाखिल किया गया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 10 दिन बाद इस मामले को सुनेगी और देखेगी कि इसमें क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। केंद्र का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि सरकार ने सोमवार को दाखिल हलफनामे में अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था। मेहता ने पीठ को बताया, हमारी सुविचारित प्रतिक्रिया वही है, जो हमने सम्मानपूर्वक अपने पिछले हलफनामे में दी थी। कृपया इस मामले को हमारे नजरिये से देखें क्योंकि हमारा हलफनामा पर्याप्त है। भारत सरकार देश की सर्वोच्च अदालत के सामने है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि वह सभी पहलुओं के निरीक्षण के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी और यह समिति शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा, छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा का पहलू जुड़ा है। मेहता ने कहा कि यह मामला ‘सार्वजनिक बहस का मुद्दा’ नहीं हो सकता और विशेषज्ञों की समिति शीर्ष अदालत को रिपोर्ट देगी।
 

एसएनबी
नई दिल्ली


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