अफगानिस्तान पर भारत की रणनीति वेट एंड वॉच की
अफगानिस्तान में जब तक अगली सरकार का गठन नहीं हो जाता, तब तक भारत सरकार की ओर से कोई रु ख नहीं अपनाया जाएगा। भारत वेट एंड वॉच की स्थिति ही बनाए रखेगा।
अफगानिस्तान पर भारत की रणनीति वेट एंड वॉच की |
सरकार के सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि अभी अफगानिस्तान में सरकार बनने का इंतजार किया जा रहा है। जिस तरह की सरकार बनेगी, उसी आधार पर भारत आगे अपना रुख तय करेगा।
भारत की नजर इस पर है कि अफगानिस्तान में अब पूर्ण तालिबानी सरकार बनेगी या फिलहाल अंतरिम सरकार ही बनेगी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत काबुल में हालात पर लगातार नजर रख रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद अब रूस समेत चीन, पाकिस्तान और तुर्की भारत के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं। खासकर जिस तरह से सोमवार को चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए भारत पर जानबूझकर पाकिस्तान को नहीं बोलने देने का आरोप लगाया, उससे चीन ने आने वाले दिनों में तालिबान के मद्देनजर भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करने के साफ संकेत दे दिए हैं। यही नहीं चीन ने पाकिस्तान से भी पहले तालिबान के साथ काम करने की बात करके ये संकेत भी दे दिए हैं कि भले ही संयुक्त राष्ट्र के स्थाई पांच सदस्यों ने अभी तक तालिबानी सरकार को मान्यता न दी हो मगर चीन आने वाले दिनों में ऐसा कर सकता है। और अगर ऐसा हुआ तो ये भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर अपनी पकड़ रखने वाले अधिकांश विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत के लिए ये घड़ी किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत अपनी तरफ से तालिबान को मान्यता देने या न देने पर कोई जल्दबाज़ी नहीं दिखाएगा। भारत देखेगा कि तालिबान का रवैया आने वाले दिनों में कैसा है? दुनिया के दूसरे देश तालिबान को कब और कैसे मान्यता देते हैं और तालिबान वैिक स्तर पर कैसे अपने लिए जगह बनाता है।
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