पेगासस मामला ‘मनगढ़ंत’ मुद्दा, कोरोना पर संसद में चर्चा ना होने देना ‘राष्ट्रविरोधी’: BJP
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कथित पेगासस जासूसी मामले को ‘मनगढ़त’ मुद्दा करार दिया और इसे लेकर संसद में हंगामा करने के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोविड-19 मुद्दे पर संसद में चर्चा ना होने देना ‘राष्ट्रविरोधी’ कृत्य है।
संसद में चर्चा ना होने देना ‘राष्ट्रविरोधी’: भाजपा |
भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का सामना कर रहा है और तीसरी लहर से निपटना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, कांग्रेस द्वारा कथित पेगासस जासूसी मामले को सबसे बड़ा मुद्दा बताना विपक्ष के ‘‘दिवालियेपन’’ का परिचायक है।
उन्होंने कहा, ‘‘संसद में कोविड-19 (मुद्दे)पर चर्चा ना करना राष्ट्रविरोधी है। पूरे विश्व में जिस महामारी को लेकर सैकड़ों लोगों की जान चली गई,जिस महामारी को लेकर हर देश में आज परेशानी है, उस विषय पर अगर हमारे चुने हुए प्रतिनिधि चर्चा ना करें...बहस ना करें...तो वह देश के खिलाफ है।’’
पात्रा ने कहा कि जो भी इस विषय पर होने वाली चर्चा को रोकता है तो वह कहीं ना कहीं देश के ऊपर आघात करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना पर संसद में चर्चा होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए? हर जिले में ऑक्सीजन संयंत्र लगे इसकी चिंता की जानी चाहिए कि नहीं?...लेकिन चर्चा नहीं होने दी जा रही है...कागज फाड़ा जा रहा है...यह धोखा है...देश के साथ और देश की जनता के साथ।’’
राहुल गांधी ने कहा है कि उनके फोन में पेगासस नाम का हथियार डाल दिया गया है। अगर हथियार डाल दिया गया तो इतने दिन तक राहुल गांधी चुप क्यों बैठे रहे? इसपर उन्होंने FIR दर्ज़ की क्या? कोई हथियार नहीं है। जो चीज़ नहीं है उसका हथियार बनाकर इन्हें संसद को रोकना है: संबित पात्रा, भाजपा pic.twitter.com/MslTNg6MEK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2021
उन्होंने कहा कि पेगासस मुद्दा ‘‘मनगढ़ंत’’ है और यह कोई विषय ही नहीं है जिस पर इतना हंगामा मचाया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करके विपक्ष देश को बरगला नहीं सकता है।’’
ज्ञात हो कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा कर रहे हैं। हंगामे के कारण मानसून सत्र में अब तक कोई विशेष कामकाज नहीं हो सका है।
उल्लेखनीय है कि सत्र से ठीक पहले पिछले सप्ताह कुछ मीडिया संगठनों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने कहा था कि भारत में पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 से अधिक मोबाइल नंबरों की संभवत: निगरानी की गयी। इसमें दो मंत्री, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं के अलावा अनेक कार्यकर्ताओं के नंबर भी थे। सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करती रही है।
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद के दोनों सदनों में पिछले दिनों पेगासस मामले पर बयान दिया था और संबंधित आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि राज्यसभा में वह जब इस मुद्दे पर बयान दे रहे थे तक तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन ने उनके हाथों से बयान की प्रति छीन उसके टुकड़े हवा में लहरा दिए थे।
इस घटना का उल्लेख करते हुए पात्रा ने कहा कि यह बेहद ही गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार था और मंत्री के हाथ से कागज छीनकर उसे फाड़ना लोकतंत्र की मर्यादाओं से खिलवाड़ करना है।
भाजपा नेता ने कहा कि आज विपक्ष, खासकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिवालियेपन के शिकार हो गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज अगर देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा कोई है तो वह तीसरी लहर (कोरोना की) को रोकना है। टीकाकरण अभियान को सुचारू रूप से पूरे देश में चलाना है। किस प्रकार कोरोना के मद्देनजर ऑक्सीजन के लिए तैयारी करनी है। यही आज राष्ट्र के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।’’
राहुल गांधी पर गैर-जिम्मदाराना व्यवहार का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी और जिम्मेदारी साथ-साथ नहीं चल सकते।
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल का अर्थ ही गैर जिम्मेदार होना है।’’ उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी को लगता है कि फोन के माध्यम से उनकी जासूसी हो रही है तो उन्हें तुरंत इसकी शिकायत पुलिस थाने पर करनी चाहिए।
विपक्षी एकजुटता के बारे में पात्रा ने कहा कि ‘‘तथाकथित विपक्ष’’ पहले भी एकजुट हो चुका है लेकिन इसका नतीजा देश देख चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘आज जो आप विपक्ष देख रहे हैं वो क्या चाहता है? इन सभी की एक ही मंशा है अपने परिवार को बचाने की।’’
केरल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर उन्होंने वहां की वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि इसकी वजह उच्चतम न्यायालय की हिदायत को नजरअंदाज करना और बकरीद के मौके पर राज्य में तीन दिन की छूट देना है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांवड़ यात्रा के समय उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों की जान बचाने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए और इस संबंध में उच्चतम न्यायालय ने जो हिदायत दी उसका भी पालन किया गया। बकरीद के समय तीन दिन की जो छूट केरल सरकार ने दी, उस पर सर्वोच्च न्यायालय ने भी चिंता जताई और कहा कि कांवड़ यात्रा के मामले में हमने जो फैसला दिया है, उन हिदायतों का पालन बकरीद के समय केरल सरकार को भी करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मगर तुष्टिकरण की राजनीति जीती और उच्चतम न्यायालय की इन हिदायतों का पालन केरल की सरकार ने नहीं किया। जिसका नतीजा है आज 22,000 मामले आना।’’
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा द्वारा एक इंडोर स्टेडियम में अपना जन्मदिन मनाए जाने की सुर्खियों में आयी घटना पर पात्रा ने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम में सैंकड़ों लोग शामिल थे। स्कूल और कॉलेज राजस्थान में बंद हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्री अपना जन्मदिन इस तरह मनाकर सैंकड़ों लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं।’’
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