देश के 15,07,708 स्कूलों में से केवल 12,57,897 स्कूलों में है बिजली
एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के लाखों स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं है। सोमवार को यह विषय संसद में उठाया गया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (फाइल फोटो) |
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से प्रश्न करते हुए लोकसभा सांसदों ने पूछा कि क्या यह सच है कि यूडीआईएससी रिपोर्ट (2019-20) के अनुसार देश के केवल 80 फीसदी स्कूलों में बिजली है। इसके उत्तर में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई) 2019-20 के अनुसार देश में 15,07,708 स्कूल हैं, जिनमें से 12,57,897 स्कूलों में बिजली है।
स्कूलों में बिजली की कमी पर सांसद भर्तृहरि महताबी ने पूछा कि यदि केवल 80 फीसदी स्कूलों में बिजली है, तो उन स्कूलों का ब्यौरा दें जहां बिजली नहीं है और सरकार की कार्य योजना में कब तक सभी स्कूलों में बिजली उपलब्ध होने की संभावना है।
जवाब में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 15,07,708 स्कूलों में से 12,57,897 स्कूलों में बिजली होने की बात कही। साथ ही कहा कि स्कूलों में बिजली उपलब्ध कराने सहित स्कूलों में बुनियादी ढांचे में सुधार एक सतत प्रक्रिया है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना - समग्र शिक्षा शुरू की है, जो 1 अप्रैल से सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और शिक्षक शिक्षा (टीई) की तीन पूर्ववर्ती केंद्र प्रायोजित योजनाओं को शामिल करती है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2018 समग्र शिक्षा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली सहित स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार पर केंद्रित है। इसके अलावा, शिक्षा एक समवर्ती विषय होने के कारण, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी इस गतिविधि को करने की अपेक्षा की जाती है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में स्कूल एवं शिक्षण संस्थान बंद हैं। ऐसे में अधिकांश छात्रों को ऑनलाइन और अन्य शिक्षा मुहैया कराई जा रही है। देश के कई स्थानों पर ऑनलाइन अथवा ऐसे अन्य शिक्षा के संसाधनों की कमी है। इसके कारण छात्रों से फोन कॉल के जरिए भी संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा कई स्थानों पर अभिभावकों को छात्रों के असाइनमेंट सौंपे जा रहे हैं।
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