अब मेडिकल छात्र संभालेंगे मोर्चा

Last Updated 04 May 2021 09:24:45 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कोविड-19 से निपटने के लिए पर्याप्त मानव संसाधन की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर की गई समीक्षा के बाद सोमवार को चिकित्सा प्रशिक्षुओं को महामारी प्रबंधन कार्यो के लिए तैनात करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा एनईईटी-स्नातकोत्तर की परीक्षा को अगले चार महीने तक स्थगित करने का भी फैसला लिया गया है।


अब मेडिकल छात्र संभालेंगे मोर्चा

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 से निपटने के लिए चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता बढ़ाने संबंधी अहम फैसलों को सोमवार को अंतिम रूप दिया। पीएमओ ने बयान में कहा कि एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों का कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले मरीजों की निगरानी और टेली-मेडिसीनमें उपयोग किया जा सकता है, जबकि चिकित्सा प्रशिक्षु अपने संकाय के अधीन ऐसे मामलों में उपचार कर सकेंगे। बयान में कहा गया कि इससे कोविड-19 मरीजों के इलाज में जुटे मौजूदा चिकित्सकों का बोझ कम होगा। बयान के मुताबिक बीएससी नर्सिग या जीएनएम पास नसरे को वरिष्ठ चिकित्सकों और नसरे की निगरानी में कोविड-19 मरीजों की सेवा में पूर्णकालिक उपयोग किया जा सकता है। बयान में कहा गया कि एनईईटी की स्नातकोत्तर की परीक्षा कम से कम चार महीने के लिए स्थगित की जा रही है और यह परीक्षा 31 अगस्त से पहले आयोजित नहीं की जाएगी।

इन्हें मिलेंगे ये लाभ
पीएमओ के बयान में कहा गया कि कोविड प्रबंधन में काम करने वालों को 100 दिनों का अनुभव होने के बाद आगे सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। 100 दिन के अनुभव के बाद ऐसे सभी चिकित्साकर्मियों को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान दिया जाएगा। चिकित्सा छात्रों और पेशेवरों को कोविड संबंधी कामकाज में तैनात करने से पहले उनका टीकाकरण किया जाएगा। साथ ही उन्हें चिकित्साकर्मियों के लिए मिलने वाले सरकारी बीमा योजना का लाभ भी दिया जाएगा।


एसएनबी
नई दिल्ली


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