राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत

Last Updated 02 May 2021 02:37:19 AM IST

जेल में बंद राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की शनिवार को यहां दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में मृत्यु हो गई।


पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत

दिल्ली कारा विभाग ने बताया कि हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास भुगत रहे शहाबुद्दीन को 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

महानिदेशक (कारा) संदीप गोयल ने बताया, दिल्ली जेल के कैदी मोहम्मद शहाबुद्दीन की मृत्यु के बारे में डीडीयू अस्पताल से सूचना मिली है।

वह कोविड-19 से पीड़ित था। कारा अधिकारियों ने बताया कि उन्हें दो-तीन दिन पहले अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

उन्होंने बताया कि सिवान का पूर्व सांसद तिहाड़ के उच्च सुरक्षा जेल नंबर दो में बंद था।

जानिए कितना खतरनाक था बाहुबली शहाबुद्दीन

एक वक्त वो भी था जब RJD का बाहुबली शहाबुद्दीन इंसानों की जान को जान नहीं समझता था। कहा जाता है कि शहाबुद्दीन की ओर तिरछी नजर करना भी मौत को बुलावा देना माना जाता था। उस वक्त बिहार में आरजेडी की सरकार थी और शहाबुद्दीन आरजेडी के बाहुबली नेता। इन सब बातों को देखते हुए पुलिस वाले शहाबुद्दीन की गिरेबां पर हाथ डालने से बच रहे थे।

तेजाब से नहलाकर मारा
साल 2004 में चंदा बाबू के तीन बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का बदमाशों ने अपहरण कर लिया। बदमाशों ने गिरीश और सतीश को तेजाब से नहला कर मार दिया था। जबकि इस मामले का चश्मदीद रहे राजीव किसी तरह बदमाशों की गिरफ्त से अपनी जान बचाकर भाग निकला। बाद में राजीव भाइयों के तेजाब से हुई हत्याकांड का गवाह बना। मगर 2015 में शहर के डीएवी मोड़ पर उसकी भी गोली मार कर हत्या कर दी गई। हत्या के महज 18 दिन पहले ही राजीव की शादी हुई थी। इस घटना के बाद पूरे शहर में हड़कंप मच गया था।

डीएम और एसपी ने ठाना था, खत्म करेंगे शहाबुद्दीन का खौफ
तेजाब कांड की वारदात के बाद सिवान के तत्कालीन डीएम सीके अनिल और एसपी एस रत्‍न संजय कटियार ने ठान लिया कि वह शहाबुद्दीन के खौफ को खत्म कर देंगे। दोनों अफसरों ने मिलकर पूरी प्लानिंग की और भारी पुलिस बल के साथ शहाबुद्दीन के प्रतापपुर वाले घर की घेराबंदी कर दी। शहाबुद्दीन के समर्थक भी पहले से ही तैयार बैठे थे। उन्होंने पुलिस बल पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि पुलिस बल भी पूरी तैयारी के साथ गई थी और जबरदस्त तरीके से पलटवार किया।

घर से मिले थे पाकिस्तानी हथियार
पुलिस का दावा है कि गोलीबारी थमने के बाद पुलिस जब शहाबुद्दीन के प्रतापपुर वाले घर के अंदर दाखिल हुई तो उसके होश उड़ गए। शहाबुद्दीन के घर में भारी मात्रा में पाकिस्तानी हथियार बरामद हुए थे। घर से पाकिस्तानी आर्डिनेंस कंपनी की मुहर लगी एके-47 राइफल भी बरामद हुई थी। कई ऐसे हथियार मिले जिसे केवल पाकिस्तानी सेना प्रयोग करती है। छापेमारी में इस बाहुबली नेता के घर से बहुमूल्य जेवरात और नकदी के अलावा जंगली जानवर जैसे शेर और हिरण की खाल भी बरामद हुई थी।

शहाबुद्दीन के गुर्गों ने 3 पुलिस कर्मियों की  कर दी थी हत्या
इससे पहले साल 2001 में भी बिहार पुलिस शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने उनके प्रतापपुर वाले आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी। इस दौरान शहाबुद्दीन के गुर्गों और पुलिस के बीच करीब 3 घंटे फायरिंग चली थी। इस दौरान 3 पुलिसकर्मी मारे गए थे। 2001 में ही पुलिस जब आरजेडी के स्थानीय अध्यक्ष मनोज कुमार पप्पू के खिलाफ एक वारंट लेकर पहुंची थी तो शहाबुद्दीन ने गिरफ्तारी करने आए पुलिस अधिकारी संजीव कुमार को थप्पड़ मार दिया था। शहाबुद्दीन के सहयोगियों ने पुलिस वालों की जमकर पिटाई कर दी थी। इसके बाद पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा था।

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड

सीवान से चार बार आरजेडी सांसद रहे शहाबुद्दीन पर एक अग्रणी हिंदी दैनिक के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में शामिल में होने का आरोप भी है। 13 मई 2016 की शाम बिहार के सीवान जिले में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त राजदेव अपने दफ्तर के बाहर निकले थे। उनकी पत्नी ने घटना में शहाबुद्दीन के शामिल होने का आरोप लगाया था। इस सनसनीखेज वारदात के बाद सिवान समेत पूरे बिहार में खलबली मच गई थी। किरकिरी के बाद बिहार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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