जस्टिस एन वी रमना बने देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति कोविंद ने दिलाई शपथ

Last Updated 24 Apr 2021 12:08:43 PM IST

न्यायमूर्ति एन वी रमना ने शनिवार को देश के 48वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।


इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित कई केंद्रीय मंत्री एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश शामिल थे।

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर संबंधित दिशानिर्देशों का व्यापक पालन किया गया था।

कोविंद ने संविधान के अनुच्छेद 124 के उपबंध-दो में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए न्यायमूर्ति रमन को नया सीजेआई नियुक्त किया।

न्यायमूर्ति रमना ने न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे का स्थान लिया है जिनका कार्यकाल कल समाप्त हो गया।

न्यायमूर्ति रमना ने विज्ञान एवं कानून में स्नातक करने के बाद 10 फरवरी 1983 से वकालत पेशे की शुरुआत की।

अपने वकालत पेशे के दौरान उन्होंने न केवल आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय बल्कि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) तथा उच्चतम न्यायालय में भी प्रैक्टिस की।

27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त होने के बाद वह 13 मार्च से 20 मई 2013 तक उसी उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये गये। बाद में उन्हें पदोन्नति देकर दो सितम्बर 2013 को दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 17 फरवरी 2014 को वह शीर्ष अदालत में पदोन्नत किये गये।
 

न्यायमूर्ति रमन 26 अगस्त 2022 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

वार्ता
नई दिल्ली


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