भंडार खाली हो गए तब प्रधानमंत्री ने टीके की खुले बाजार में बिक्री की अनुमति दी : ममता

Last Updated 20 Apr 2021 05:52:05 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि विदेशों में खेप भेजने के कारण यहां भंडार खाली होने के बाद प्रधानमंत्री ने कोविड-19 टीके की खुले बाजार में बिक्री की अनुमति दी।


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

बनर्जी ने भगवानगोला में एक चुनावी जनसभा में कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी छवि चमकाने के लिए अन्य देशों को टीके का निर्यात किया जबकि महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान एवं पश्चिम बंगाल जैसे राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश कोविड महामारी का मुकाबला करने के लिए जरूरी खुराक प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते रहे।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कल प्रधानमंत्री ने कहा कि दवा (टीका) खुले बाजार में उपलब्ध करायी जाएगी। खुला बाजार है कहां, उपलब्धता कहां है? आपने तो पहले ही इस दवा भंडार का बहुत बड़ा हिस्सा तो विदेशों में भेज दिया है।’’

केंद्र सरकार ने इस साल के प्रारंभ में पड़ोसी देश समेत कई देशों को कोविड टीके की सौगात दी थी तथा ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका समेत कई अन्य देशों में उसके निर्यात की अनुमति दी थी।

नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार को ऐतिहासिक अक्षमता वाली सरकार करार देते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘त्रूटिपूर्ण योजना के चलते हम टीके की भारी कमी से जूझ रहे हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि कोलकाता, उत्तरी 24 परगना और आसनसोल क्षेत्र से कोविड-19 के अधिक मामले सामने आ रहे हैं तथा राज्य सरकार अपने सीमित भंडार से इस संकट का प्रबंधन करने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘छह महीने तक केंद्रीय नेतृत्व ने योजना बनाने की जहमत ही नहीं उठायी, वे बंगाल में चुनावी संघर्ष की साजिश रचने में व्यस्त रहे।’’

भाजपा पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने दावा किया कि पार्टी चुनाव प्रचार में मदद के लिए बाहर से लाखों लोगों को राज्य में लेकर आयी और उनमें से कई कोविड से संक्रमित थे। ये लोग तो चले जायेंगे लेकिन उन्होंने वायरस को फैला दिया और अब नये संकट को संभालने का जिम्मा हमपर है। बंगाल की कोविड स्थिति बिल्कुल नियंतण्रमें थी लेकिन अब संक्रमण दर फिर बढने लगी है।’’

हालांकि मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए लोगों को नहीं घबराने की सलाह दी कि वह फिर उसे नियंतण्रमें ले आएंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि उम्मीदवारों के निधन के चलते मुर्शिदाबाद में दो विधानसभा सीटों पर रद्द किये गये चुनाव 13 मई को कराये जा सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि ईद 13 मई को होती है तो निर्वाचन आयोग को मतदाताओं के त्योहार मनाने की जरूरत को ध्यान में रखकर मतदान की तारीख तय करनी चाहिए।’’

मुर्शिदाबाद एवं मालदा जिलों में गंगा नदी में अपरदन का जिक्र करते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, ‘‘भारत-बांग्ला जल संधि की शतरें के तहत बांग्लादेश को गंगा का पानी दिया गया लेकिन केंद्र ने फरक्का बैराज में जमे तलछट को नहीं हटवाया। इससे, जब बिहार में वर्षा होती है तब बिहार, मुर्शिदाबाद और मालदा में बाढ आती है। केंद्र सरकार को तत्काल फरक्का में गाद साफ करवानी चाहिए।’’

भाषा
भगवानगोला, मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल)


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