नंदीग्राम के पोलिंग बूथ पर नहीं हुई धांधली
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंदीग्राम में पोलिंग बूथ पर अनियमितता की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने शनिवार को जवाब दिया। पत्र के माध्यम से दिए गए अपने जवाब में आयोग ने ममता के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
चुनाव आयोग |
आयोग ने कहा कि ममता ने जो आरोप लगाए थे, उनमें कोई सच्चाई नहीं पाई गई। जवानों की ओर से वोटिंग के दौरान गड़बड़ी किए जाने का भी कोई सबूत नहीं मिला है। इस दौरान कोई बाहरी व्यक्ति भी बूथ के अंदर नहीं गया था, जिससे पोलिंग प्रभावित हो सके।
चुनाव आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने बनर्जी को लिखे पत्र में यह भी कहा, इस बात की अलग से जांच की जा रही है कि एक अप्रैल की घटनाओं में जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 131 और 123 (2) और/या आदर्श आचार संहिता के तहत क्या कोई कार्रवाई बनती है। धारा 131 मतदान केंद्रों पर या उसके आस-पास नियम विरुद्ध आचरण के लिए दंड से संबंधित है, जबकि धारा 123 (2) ‘अनुचित प्रभाव’ से संबंधित है यानी मुक्त चुनाव अधिकार में उम्मीदवार या उसके एजेंट अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप का प्रयास। हालांकि पत्र में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि इसमें किसके खिलाफ संभावित कार्रवाई के संबंध में उल्लेख किया जा रहा है।
गौरतलब है कि एक अप्रैल को नंदीग्राम में पोलिंग बूथ नंबर-7, बोयल में मतदान प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। चुनाव आयोग ने अपने ¨बदुवार प्रत्युत्तर में कहा कि मतदान केंद्र पर बाहरी लोगों की उपस्थिति और बूथ कैप्चरिंग के बारे में बनर्जी के पत्र से पहले पूरे देश में व्यापक कवरेज सामने आया था, जिसमें दर्जनों ऑडियो-विजुअल शॉट्स दिखाए गए थे। इनमें इस मतदान केंद्र में आपकी मौजूदगी के साथ ही पश्चिम बंगाल की सरकार के साथ काम करने वाले कुछ अधिकारियों, अर्धसैनिक बलों और अंतत: चुनाव आयोग पर वस्तुत: आरोपों की बौछार करते दिखाया गया था।
चुनाव आयोग ने अपने पर्यवेक्षकों सहित जमीनी स्तर से प्राप्त रिपोटरें का हवाला देते हुए कहा, सभी रिपोटरे के अवलोकन से स्पष्ट है कि आपके द्वारा हाथ से लिखे गए पत्र में लगाए गए आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत हैं, बिना किसी साक्ष्य के हैं। आयोग ने कहा कि यह बहुत ही खेद की बात है कि सबसे बड़े हितधारकों यानी मतदाताओं को गुमराह करने के लिए एक उम्मीदवार द्वारा, जो राज्य की मुख्यमंत्री हैं, हरेक घंटे ‘मीडिया विमर्श’ बुनने का प्रयास किया गया।
ईसी ने पूरी टाइमलाइन जारी की : आयोग ने अपने पत्र में इस बूथ पर सुबह 5.30 बजे की मॉकड्रिल से लेकर सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू होने और शाम तक वोटिंग खत्म होने तक का सिलसिलेवार ब्योरा दिया गया है।
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