कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी स्थिति बद से बदतर : केंद्र
केंद्र ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी स्थिति बद से बदतर हो रही है और यह खास तौर पर कुछ राज्यों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। पूरा देश जोखिम में है और किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी स्थिति बद से बदतर |
केंद्र ने कहा कि कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से हैं और दिल्ली भी एक जिले के रूप में इस सूची में शामिल है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन दस जिलों में सर्वाधिक उपचाराधीन मामले हैं, उनमें पुणो (59,475), मुंबई (46,248), नागपुर (45,322), ठाणो (35,264), नासिक (26,553), औरंगाबाद (21,282), बेंगलुरु नगरीय (16,259), नांदेड़ (15,171), दिल्ली (8,032) और अहमदनगर (7,952) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से दिल्ली में कई जिले हैं, लेकिन इसे एक जिले के रूप में लिया गया है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा, हम काफी अधिक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं, निश्चित तौर पर कुछ जिलों में। लेकिन पूरा देश जोखिम में है, इसलिए रोकने (संक्रमण के प्रसार को) और जीवन बचाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए। पॉल ने कहा, अस्पताल और आईसीयू संबंधी तैयारियां रहनी चाहिए। यदि मामले तेजी से बढ़े तो स्वास्थ्य देखरेख पण्राली चरमरा जाएगी।
जहां संक्रमण ज्यादा, वहां आरटी-पीसीआर टेस्ट हो ज्यादा : जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है, वहां जांच को तेजी से बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। दरअसल, केंद्रीय कोविड टास्क कमेटी के सदस्यों की एक टीम ने बीते दिनों उन राज्यों का दौरा किया था, जहां तेजी से संक्रमण फैल रहा है। कमेटी के एक सदस्य ने कहा था कि पंजाब न तो पर्याप्त संख्या में जांच कर पा रहा है और न ही कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को तत्काल पृथक-वास में भेज पा रहा है। केंद्र ने संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहे राज्यों से अनुरोध किया है कि वह अपने यहां आरटी-पीसीआर पर ध्यान केंद्रित कर जांच संख्या में वृद्धि करें और संक्रमित लोगों को तुरंत पृथकवास किया जाए।
जीनोम सीक्वेंसिंग: 807 नमूनों में ब्रिटेन वाला स्ट्रेन
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कुल 11,064 नमूनों की ‘जीनोम सीक्वेंिसग’ की गई। इनमें से 807 नमूनों में ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया स्वरूप पाया गया जबकि 47 नमूनों में वायरस का दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप मिला। एक नमूने में वायरस का ब्राजीलियाई स्वरूप भी पाया गया है। ‘कोवैक्सीन’ और ‘कोविशील्ड’ टीके ब्रिटेन तथा ब्राजील में मिले सार्स-कोव-2 के नए स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं।
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