दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण अपने चरम स्तर पर है। दिल्ली में एक्यूआई 481 पर पहुंच गया है। यह अत्यंत गंभीर श्रेणी में आता है।
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आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के विभिन्न स्तर दर्ज किए गए, नोएडा की हवा 384 एक्यूआई के साथ 'बहुत खराब' श्रेणी में थी, फरीदाबाद में 320 एक्यूआई को 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। जबकि गाजियाबाद और गुरुग्राम को क्रमशः 400 और 446 के एक्यूआई के साथ 'गंभीर' स्थितियों का सामना करना पड़ा।
नोएडा में रहने वाले लोग इस प्रदूषण की वजह से काफी चिंतित हैं।
एक स्थानीय निवासी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया, “नोएडा में प्रदूषण बहुत बढ़ गया है, और इसका असर साफ़ तौर पर महसूस हो रहा है। आंखों में जलन हो रही है और बाहर निकलने पर खांसी भी हो रही है। अब मुझे ऐसा लगता है कि प्राधिकरण इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। दिल्ली की तरह ना तो पानी का छिड़काव किया जा रहा है, और ना ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस उपाय किए जा रहे हैं। जगह-जगह जलती हुई भट्टियां हैं, जिन पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगाई जा रही। इन भट्टियों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।”
एक अन्य निवासी कहते हैं, “यह धुंआ बहुत चुभता है। हमें सांस लेने में भी बहुत दिक्कत होती है। यह धुंध आंखों में चुभती है। इसकी वजह से हमें गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।”
एक अन्य स्थानीय निवासी सुखविंदर सिंह ने बताया, “काफी समस्याएं हो रही हैं, लोग बाहर जाना कम कर रहे हैं, ज्यादातर घरों में ही रह रहे हैं। खांसी और जुकाम के मामले बढ़ रहे हैं, लोग धीरे-धीरे बीमार होने लग रहे हैं। पहले तो आंखों में जलन नहीं हो रही थी, लेकिन अब धीरे-धीरे यह समस्या होने लगी है।”
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