आनंद शर्मा ने प. बंगाल में आईएसएफ के साथ कांग्रेस के गठबंधन की आलोचना की

Last Updated 01 Mar 2021 10:42:28 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ पार्टी के गठजोड़ की आलोचना करते हुए कहा कि यह पार्टी की मूल विचारधारा और गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि पार्टी ‘‘सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है।’’    

पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा पार्टी के उन 23 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी। शर्मा ने कहा कि आईएसएफ जैसी कट्टरपंथी पार्टी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए थी और उसे कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा अनुमोदित होना चाहिए था।       

सीडब्ल्यूसी पार्टी का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है जो पार्टी के महत्वपूर्ण फैसले लेता है।    

शर्मा सीडब्ल्यूसी के एक सदस्य और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता हैं।    

कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव वाम और आईएसएफ के साथ गठबंधन में लड़ रही है, लेकिन केरल में माकपा के खिलाफ लड़ रही है।    

भले ही वाम ने आईएसएफ के साथ अपनी सीट-साझेदारी को अंतिम रूप दे दिया है, लेकिन कांग्रेस द्वारा अभी ऐसा करना बाकी है।    

वाम, कांग्रेस और आईएसएफ के नेताओं ने रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में एक संयुक्त रैली को संबोधित किया था।    

शर्मा ने ट्विटर पर कहा, ‘‘आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।’’    

पार्टी के वरिष्ठ नेता शर्मा ने कहा, ‘‘सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।’’    

वाम और कांग्रेस के नेताओं के साथ मंच पर आईएसएफ के संस्थापक अरैर फुरफुरा शरीफ के अब्बास सिद्दीकी आये थे।    

शर्मा और ‘जी -23‘ के कई अन्य नेता परोक्ष तौर पर असंतोष व्यक्त करते हुए शनिवार को जम्मू में एकत्र हुए थे और कहा था कि पार्टी कमजोर हो रही है।

भाषा
नयी दिल्ली


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