किशोर न्याय अधिनियम में होगा संशोधन
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 में संशोधन के प्रस्ताव को बुधवार को अनुमति प्रदान कर दी।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी (file photo) |
इसमें जिला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका को बढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को अनुमति दी गई। बैठक के बाद महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने पत्रकारों को बताया कि इसके माध्यम से बच्चों के संरक्षण के ढांचे को जिलावार एवं प्रदेशवार मजबूत बनाने के उपाए किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में कानून को लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों के कामकाज की निगरानी की शक्ति जिला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई का कामकाज भी जिला मजिस्ट्रेट के अधीन होगा।
गोद लेने के मुद्दे : उन्होंने बताया कि इन प्रस्तावित संशोधनों में जेजे अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद लेने के मुद्दे को जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया गया है ताकि ऐसे मामलों का तेजी से निस्तारण किया जा सके और उत्तरदायित्व तय किया जा सके।
इसके तहत जिला अधिकारियों को कानून के तहत निर्बाध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और कठिनाई में पड़े बच्चों के लिए समुचित प्रयास करने के लिए अधिकार संपन्न किया गया है।
| Tweet |