मोदी ने कृषि सुधार कानूनों का किया बचाव, बोले- फैलाया जा रहा दुष्प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीनों नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को इन सुधारों का सबसे ज्यादा लाभ होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (file photo) |
उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर इन कानूनों के खिलाफ ‘दुष्प्रचार’ करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन्होंने देश के कृषि बाजार में विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए कानून बनाए, वह आज देसी कंपनियों के नाम पर किसानों को डरा रहे हैं। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महाराजा सुहेलदेव के स्मारक और चित्ताैरा झील के विकास कार्य की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कानूनों को लेकर भांति-भांति का प्रचार करने की कोशिश हुई।
उन्होंने कहा, जिन्होंने देश के कृषि बाजार में विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए कानून बनाए, वह आज देसी कंपनियों के नाम पर किसानों को डरा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कानूनों के लागू होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में इस बार पिछले साल की तुलना में दोगुना धान खरीदा गया। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को दिक्कत न हो, इसलिए उन्हें हर संभव मदद दी गई है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के करीब 2.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से रुपए जमा किए जा चुके हैं और राज्य में बेहतर होती आधारभूत सुविधाओं का सीधा लाभ किसानों, गरीबों, ग्रामीणों को हो रहा है।
उन्होंने कहा, विशेष तौर पर छोटे किसान जिसके पास बहुत कम जमीन होती है, वे इन योजनाओं के सबसे ज्यादा लाभार्थी हैं। कृषि उत्पादक संघों के गठन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक या दो बीघा जमीन वाले करीब 500 किसान परिवार, जब संगठित होकर बाजार में उतरेंगे तो वे बड़े किसानों से भी ज्यादा ताकतवर होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के साथ प्रदेश वासियों को सुविधायें दी जा रही हैं।
स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं दिया उचित सम्मान
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों को उचित सम्मान न देने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि महाराजा सुहेलदेव के साथ भी यही प्रयास किया गया। इस कड़ी में उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, भारत के अनेक ऐसे सेनानी हैं, जिनके योगदान को अनेक वजहों से मान नहीं दिया गया। चौरी-चौरा के वीरों के साथ जो हुआ, वो क्या हम भूल सकते हैं? देश की 500 से ज्यादा रियासतों को एक करने का कठिन कार्य करने वाले सरदार पटेल जी के साथ क्या किया गया, इसे देश का बच्चा भी भली-भांति जानता है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं महर्षि बालार्क चिकित्सालय, बहराइच का लोकार्पण भी किया।
इस अवसर पर महाराजा सुहेलदेव पर रचित एक गीत सुनाया गया और एक वृत्त चित्र भी दिखाया गया। सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने महाराजा सुहेलदेव को लेकर कई कदम उठाए हैं। इससे पहले, फरवरी 2016 में तत्कालीन भाजपा प्रमुख अमित शाह ने भारत-नेपाल सीमा के पास बहराइच जिले में सुहेलदेव की एक प्रतिमा का अनावरण और उन पर एक पुस्तक का लोकार्पण किया था।
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