अध्यादेश अपनाने के लिए राजनीतिक आम-सहमति बनाने की जरूरत : नायडू
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को यह सुझाव दिया कि यदि केन्द्र एवं राज्य सरकारें, दोनों कानून बनाने के लिए अध्यादेश का मार्ग नहीं अपनाने पर सहमत हो जाते हैं तो यह ‘‘वाकई अच्छा’’ होगा किंतु इसके लिए राजनीतिक आम-सहमति की जरूरत है।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू |
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इससे कोई मदद नहीं मिलेगी कि यदि कोई राजनीतिक दल इस प्रकार का रुख रखता है कि, ‘‘अगर मैं सत्ता में हूं तो मैं अध्यादेश जारी करूंगा। जब आप सत्ता में होंगे तो अध्यादेश जारी नहीं करेंगे।’’
उन्होंने यह बात उच्च सदन में कुछ सदस्यों के सरकार द्वारा कुछ अध्यादेश लाये जाने पर आपत्ति जताये जाने की ओर संकेत करते हुए यह बात कही।
सभापति ने कहा कि अध्यादेश के संदर्भ में ‘‘लोकतंत्र की भावना’’ को समझा जाना चाहिए और जहां तक संभव हो सरकार को कानून बनाने के लिए विधायी प्रक्रिया की ओर लौटना चाहिए।
भाकपा नेता विनय विम ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की ‘‘संसद की अनदेखी’’ करने और कानून बनाने के लिए अध्यादेश का मार्ग चुनने की प्रवृत्ति है। उन्होंने उच्च सदन में राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र (विशेष प्रावधान) दूसरा संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान यह बात कही।
विम ने सभापति से सरकार को यह कड़ा निर्देश देने का अनुरोध किया कि अध्यादेश मार्ग अपनाने के विकल्प को परंपरा नहीं बनाया जाए।
इस पर नायडू ने कहा, ‘‘यदि केन्द्र एवं राज्य सरकार, सभी अध्यादेश जारी नहीं करने पर सहमत हो जायें तो बहुत अच्छा होगा। यह राजनीतिक दलों के बीच आम- सहमति से होना चाहिए।’’
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