कोविड-19 का तेजी से पता लगाने में स्वान दस्तों का सहारा ले रही सेना
कोविड-19 की चिकित्सीय जांच में लगने वाले समय को कम करने के लिए देश में पहली बार सेना इस बीमारी का तेजी से पता लगाने के वास्ते अपने स्वान दस्तों का सहारा ले रही है।
कोविड-19 का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित कुत्ते |
सूंघने की जबरदस्त क्षमता के लिए पहचाने जाने वाले स्वान दस्तों के ये सदस्य विस्फोटक और मादक पदाथरें का पता लगाने के साथ ही खोज एवं बचाव कायरें समेत अन्य चुनौतीपूर्ण कायरें में मददगार साबित होते हैं। अब इन्हें एक और जिम्मेदारी मिल गई है।
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु से आने वाली प्रजाति के दो कुत्तों को पसीने एवं मूत्र के नमूनों को सूंघकर कोविड-19 का पता लगाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
वास्तविक नमूनों का उपयोग करके मंगलवार को दिल्ली छावनी स्थित सैन्य पशु चिकित्सालय में इनकी काबिलियत का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान, इनको संभालने वाले लोग पीपीई किट पहने रहे।
उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित रिमाउंट वेट्रीनरी कॉर्प्स सेंटर के स्वान प्रशिक्षिण केंद्र के संचालक लेफ्टिनेंट कर्नल सुरिंदर सैनी ने कहा कि यह कुत्ते ना केवल सेना के लिए बल्कि पूरे देश के सबसे बेहतरीन स्वान सदस्यों में से एक हैं।
उन्होंने संवादददाताओं से कहा, ‘‘ब्रिटेन, फिनलैंड, फ्रांस, रूस, जर्मनी, लेबनान, यूएई और अमेरिका जैसा देशों में पहले ही कोविड-19 का पता लगाने के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित किया गया है। विदेशों में पहले भी मलेरिया, मधुमेह और पार्किंसंस जैसे रोगों का पता लगाने में इनका उपयोग किया जाता था। हालांकि, भारत में पहली बार चिकित्सा संबंधी जानकारी का पता लगाने के लिए कुत्तों का उपयोग किया गया है।’’
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