किसानों ने खारिज किया सरकार का प्रस्ताव
किसानों ने सरकार के आकषर्क ऑफर को ठुकराकर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। इससे शुक्रवार की वार्ता में आंदोलन खत्म होने की सरकार की उम्मीदों पर पानी भी फिर गया है।
किसानों ने खारिज किया सरकार का प्रस्ताव |
किसानों ने सरकार के डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं करने के प्रस्ताव को यह कह खारिज कर दिया है कि उन्हें कृषि कानून ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा है कि किसानों को सभी लाभदायक फसलों पर एमएसपी(न्यूनतम समर्थन मूल्य) का कानून भी हर हाल में चाहिए। किसान 23 जनवरी को सुभाषचंद्र बोस की जयंती भी मनाएंगे और 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड भी निकालेंगे। सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा की बृहस्पतिवार को देर शाम तक बैठक चली।
दरअसल सरकार के डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं करने के प्रस्ताव पर किसान संगठनों के बीच अलग-अलग राय थी। किसान नेताओं के एक वर्ग की राय थी कि आंदोलन कृषि कानून रद्द कराने के लिए शुरू किया गया है और उसे रद्द कराने की मांग नहीं छोड़ी जा सकती। वहीं किसान नेताओं का दूसरे वर्ग कह रहा था कि कृषि कानून स्थगित किए जाने का प्रस्ताव सरकार की तरफ से दिया गया अब तक सबसे आकषर्क प्रस्ताव है, इसकी अवधि दो-ढाई साल मांगी जा सकती है।
बैठक में ज्यादातर किसान नेताओं का यह मानना था सरकार मुश्किल से दबाव में आई है, इसलिए इस दबाव को और बढ़ाने की जरूरत है। यही वजह है कि कानून रद्द करने की मांग पर किसान नेता अड़ गए। प्रमुख किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने ये भी कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन अब देशव्यापी हो गया है।
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