डरें मत, वैक्सीन आपको मारेगी नहीं : एम्स निदेशक
इस बीच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को भरोसा दिया कि वैक्सीन से किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं होगी।
एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया(फाइल फोटो) |
राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था और पहले दो दिनों के दौरान टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रतिक्रिया (एईएफआई) के 447 मामले सामने आए हैं, जिसमें से अधिकांश तो मामूली साइड इफेक्ट थे, जबकि तीन रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
वैक्सीन लगाने के बाद साइड इफेक्ट और एलर्जी पर चर्चा करते हुए डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मामूली साइड इफेक्ट से हमें डरने की जरूरत नहीं है, अगर आप कोई भी दवाई लेते हैं, तो कुछ एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है और ऐसा रिएक्शन क्रोसिन, पैरासिटामोल जैसी साधारण दवाई से भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका कोई ऐसा साइड-इफेक्ट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप मौत हो जाए।
एम्स निदेशक डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इसके साधारण साइड इफेक्ट में शरीर में दर्द, जहां टीका लगा है, वहां पर हल्का दर्द और हल्का बुखार हो सकता है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर गंभीर साइड इफेक्ट की बात करें तो शरीर पर चकत्ते निकल सकते हैं, मगर साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये साइड इफेक्ट 10 प्रतिशत से भी कम लोगों को होते हैं।
डॉ. गुलेरिया ने लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर अगर हमें को कोविड संक्रमण से बाहर निकलना है, मौत की दर को कम करना है, अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लानी है, तो हमें बिना झिझक वैक्सीन लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में हमें स्कूल शुरू करने हैं, जिंदगी को साधारण करना है तो सभी को आगे आकर कोविड वैक्सीन लगवानी चाहिए। तभी हम आगे बढ़ पाएंगे और तभी देश पहले की तरह पटरी पर लौट पाएगा।
16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर में टीकाकरण अभियान शुरू करने के कुछ ही क्षणों के बाद डॉ. गुलेरिया को भी वैक्सीन दी गई थी।
एम्स के निदेशक ने वैक्सीन लगवाने के बाद सोमवार को अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा, "वैक्सीन का मुझ पर कोई साइड इफेक्ट नहीं है और मैं पूरी तरह से ठीक महसूस कर रहा हूं।"
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