‘नया कोरोना’ ज्यादा घातक नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, घबराएं नहीं, सतर्कता बरतें, जारी की एसओपी
ब्रिटेन और अन्य जगहों पर कोरोना वायरस के पाए जाने वाले सार्स कोव-2 स्ट्रेन (कोरोना के नए स्वरूप) के बारे में नीति आयोग ने मंगलवार को कहा कि इससे भारत के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह ‘सुपर स्प्रेडर’ जरूर है लेकिन ज्यादा घातक नहीं है।
मुंबई में ब्रिटेन से आए यात्रियों को एयरपोर्ट पर जांच के लिए रोकते कर्मचारी। |
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ.वीके पॉल ने कहा कि कोरोना के इस म्यूटेशन से मामलों की गंभीरता और मृत्युदर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। देश में बन रही वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि वैक्सीन की क्षमता पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना के नए स्वरूप को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। इससे दहशत में आने की भी कोई जरूरत नहीं है। हमें सिर्फ सतर्क रहने की जरूरत है।
पॉल ने कहा कि म्यूटेशन से बीमारी और गंभीर नहीं हुई है और इसका मृत्युदर पर असर नहीं हुआ है। म्यूटेशन से वायरस के एक से दूसरे व्यक्तिके शरीर में पहुंचने की आशंका बढ़ गई है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि यह 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है।
ब्रिटेन में मिले कोरोनावायरस के नए रूप से पूरी दुनिया के लोगों में दहशत है। कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन को पहले से ज्यादा घातक बताया जा रहा है, जिसे लेकर भारत में भी चिंता बढ़ गई है। इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन में सामने आए कोरोनावायरस के इस नए रूप को देखते हुए मानक संचालन प्रक्रिया (एसपीओ) जारी किया है।
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