सरकार से वार्ता में नहीं दिखाई दिलचस्पी
प्रदर्शनकारी किसानों की सरकार से वार्ता में बहुत दिलचस्पी नहीं है। यही वजह है कि वह सरकार को जल्दी जवाब नहीं दे रहे हैं।
सरकार से वार्ता में नहीं दिखाई दिलचस्पी |
प्रमुख किसान नेताओं का कहना है कि जब सरकार कृषि कानून रद्द करने पर कोई बात ही नहीं करना चाहती है तो वार्ता में कैसे दिलचस्पी होगी। किसानों ने प्रेस वार्ता में यह जरूर कहा कि बुधवार को इस संबंध में किसान संगठन चर्चा करके कोई फैसला ले सकते हैं।
उधर किसानों का रवैया देखते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले किसान संगठनों से मुलाकातें बढ़ा दी हैं। मंगलवार को भी कृषि मंत्री दो किसान संगठनों इंडियन किसान यूनियन और किसान संघर्ष समिति यूपी के नेताओं से मिले।
किसान नेताओं ने अपने पिछले पत्र में सरकार को समानांतर संगठनों से मिलने से मना किया था। उधर प्रमुख किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि अब वार्ता की किसानों को नहीं, सरकार को जल्दी है। बार-बार पूछे जाने पर भी उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया कि क्या किसान कृषि कानूनों में और अधिक संशोधन (सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि किसान अपनी और शंकाएं बताएं) के लिए वार्ता को तैयार होंगे।
किसान नेता ने कहा कि अभी वार्ता करने का किसानों ने कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि किसान नेताओं ने प्रेस वार्ता में कहा कि बुधवार को किसान संगठन इस पर चर्चा कर कुछ फैसला ले सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस बार वार्ता हुई तो सरकार के झूठ की पोल खोली जाएगी। संधू ने कहा कि वार्ता के प्रस्ताव में भी कई बातें झूठी हैं।
| Tweet |