केंद्र ममता सरकार में बढ़ सकती है रार
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के दो दिन बाद गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में कार्यरत भारतीय पुलिस सेवा के तीन अधिकारियों को सेवा में कथित कोताही के चलते केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए एकतरफा समन जारी किया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
केंद्र ममता सरकार में बढ़ सकती है रार |
तीनों आईपीएस अधिकारियों-भोलानाथ पांडे (पुलिस अधीक्षक-डायमंड हार्बर), प्रवीण त्रिपाठी (पुलिस उपमहानिरीक्षक-प्रेसिडेंसी रेंज) और राजीव मिश्रा (अतिरिक्त महानिदेशक-दक्षिण बंगाल) को 9 और 10 दिसम्बर को भाजपा अध्यक्ष की राजनीतिक रूप से संवेदनशील पश्चिम बंगाल की यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, तीनों आईपीएस अधिकारी पश्चिम बंगाल कैडर के हैं। उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में सेवा के लिए बुलाया गया है।
इन अधिकारियों को उन कथित खामियों की वजह से बुलाया गया है, जिनकी वजह से नड्डा के काफिले पर हमला हुआ। यह फैसला अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू होने वाली नियमावली के तहत लिया गया है।
सामान्य तौर पर अखिल भारतीय सेवा के किसी अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने से पहले संबंधित राज्य की सहमति ली जाती है, लेकिन इस मामले में गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को दरकिनार कर एकतरफा तरीके से फैसला लिया है।
माना जाता है कि तीनों अधिकारी पश्चिम बंगाल की मौजूदा सरकार के करीबी हैं। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को समन जारी कर 14 दिसम्बर को पेश होकर राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में बताने को कहा था। हालांकि, राज्य सरकार ने समन को मानने से इनकार कर दिया है।
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