किसान कल करेंगे अनशन, महिलाओं को भी लाएंगे आंदोलन में
विश्वास पैदा होने की बजाय सरकार और किसानों के बीच दरार बढ़ रही है। शनिवार को सरकार की तरफ से सुलह का फार्मूला नहीं आया बल्कि सरकार ने अपने मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को प्रदर्शनकारी किसानों की आलोचना और कृषि कानूनों की विशेषताओं का बखान करने के लिए मुखर कर दिया।
जेवर : टोल प्लाजा पर धरने पर बैठे किसान। |
किसान नेताओं ने भी वार्ता में रुचि दिखाने की जगह सरकार पर आरोप लगाया कि फूट डालने में नाकाम रहने के बाद अब वह आंदोलन को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस बीच हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने के बाद दो दिन में समस्या के समाधान का भी दावा किया।
हालांकि किसान नेताओं ने चौटाला को यह कहकर खारिज कर दिया कि किसानों के साथ उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। किसानों ने सरकार को दो टूक कहा है कि एमएसपी, पराली और विद्युत विधेयक नहीं कृषि कानूनों को रद्द कराना उनकी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार वार्ता को बुलाएगी तो वह कृषि कानून रद्द करने के बाद ही अन्य मांगों पर बात करेंगे। उन्होंने कहा कि वह संयुक्त किसान मोर्चा की 14 दिसम्बर को बैठक होगी, जिसमें आंदोलन का आगामी स्वरूप तय किया जाएगा।
कोर्ट जाने वाला यूपी का किसान संगठन आंदोलन से अलग होगा : कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाली भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेताओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मिलकर एक-दो दिन में अपना आंदोलन खत्म करने की बात कही। यूपी में सक्रिय इस संगठन ने कहा है कि नोएडा और चिल्ला बॉर्डर भी जल्द जाम मुक्त हो जाएंगे।
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