साहित्य अकादमी पुस्कार विजेता कवि मंगलेश डबराल नहीं रहे
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल का बुधवार की शाम यहां के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे।
वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल (फाइल फोटो) |
कुछ दिनों पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे। उनका इलाज गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा था। हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था।
डबराल का जन्म 14 मई, 1949 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गांव में हुआ था। उन्होंने उच्च शिक्षा देहरादून में प्राप्त की।
वरिष्ठ कवि साहित्यि पत्रिका 'पूर्वाग्रह' के सहायक संपादक और दैनिक अखबार 'जनसत्ता' के साहित्य संपादक रह चुके हैं। फिलहाल वह नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े हुए थे।
मंगलेश डबराल के चर्चित पांच काव्य संग्रह हैं - 'पहाड़ पर लालटेन', 'घर का रास्ता', 'हम जो देखते हैं', 'आवाज भी एक जगह है' और 'नए युग में शत्रु'। उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर पसर गई है।
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