कृषि सुधार के खिलाफ विपक्ष का रुख उसके शर्मनाक दोहरे मापदंडों को उजागर करता है: रविशंकर
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए केजरीवाल सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा है।
कृषि सुधार के खिलाफ विपक्ष का रुख शर्मनाक |
भाजपा ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लागू किये गए कृषि सुधारों के खिलाफ विपक्षी दलों के रुख के लिये उनकी आलोचना की और उन पर ‘‘शर्मनाक दोहरे मापदंड’’ अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में उन्होंने नए कानून के कई प्रावधानों का समर्थन किया था।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि किसानों का एक वर्ग ‘‘निहित स्वार्थ’’ वाले कुछ लोगों के चंगुल में है और सरकार सुधारों को लेकर उनके बीच फैलाये गए भ्रम को दूर करने पर काम कर रही है। किसानों का एक वर्ग इन नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध में है।
राजनीतिक दलों को अपने प्रदर्शन से नहीं जुड़ने देने के लिये कृषक संघों की सराहना करते हुए प्रसाद ने कहा कि अपना अस्तित्व बचाने के लिये भाजपा के विरोधी उनके प्रदर्शन में कूद पड़े हैं जबकि विभिन्न चुनावों में देश की जनता उन्हें बार-बार खारिज कर चुकी है।
किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएं। हम उनकी इन भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है: रविशंकर प्रसाद #FarmersProtest https://t.co/PkdgocXRTc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 7, 2020
अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 23 नवंबर 2020 को नए कानून(कृषि कानून) को नोटिफाई करके दिल्ली में लागू कर दिया है। इधर आप विरोध कर रहे हैं और उधर आप गजट निकाल रहे हैं: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद #FarmersProtest pic.twitter.com/5CgCqtFrRS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 7, 2020
उन्होंने 2019 के आम चुनावों के लिये कांग्रेस का घोषणा-पत्र पढते हुए कहा कि उसने एपीएमसी अधिनियम को ‘‘रद्द’’ करने का वादा किया था। प्रसाद ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने 2013 में कांग्रेस शासित राज्यों से कहा था कि वो ऐसे उपाय करें जिससे किसान अपनी उपज सीधे बेच पाएं।
प्रसाद ने कहा कि संप्रग सरकार में कृषि मंत्री रहे राकांपा नेता शरद पवार ने राज्यों से एपीएमसी अधिनियम में संशोधन के लिये कहा था और उन्हें चेतावनी भी दी थी कि केंद्र तीन सुधारों के अभाव में आर्थिक सहायता भी उपलब्ध नहीं कराएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जब यह प्रावधान लागू किये तो अब ये सभी दल उसका विरोध कर रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि यह उनके ‘‘शर्मनाक दोहरे मापदंड’’ को उजागर करता है।
Sharad Pawar is also opposing the new farm laws. But when he was agriculture minister, he wrote to all CMs for 'private sector participation' in market infrastructure: Union Minister RS Prasad pic.twitter.com/vnoztGEdZo
— ANI (@ANI) December 7, 2020
केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर बीते 11 दिनों से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे कृषक संघों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ का रविवार को कई क्षेत्रीय दलों समेत विपक्षी दलों ने समर्थन करने का ऐलान किया है।
| Tweet |