उमर और महबूबा पर पीएसए लगाने पर चिदंबरम बोले- यह लोकतंत्र में सबसे घटिया कदम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किए जाने की आलोचना की है।
![]() कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो) |
चिदंबरम ने आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि बिना किसी आरोप के कार्रवाई करना लोकतंत्र में एक घटिया कदम है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ पीएसए की क्रूर कार्रवाई से हैरान हूं। आरोपों के बिना किसी पर कार्रवाई लोकतंत्र में सबसे घटिया कदम है।’’
उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और अन्य लोगों के खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट के क्रूर आह्वान से हैरान और परेशान हूं।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 7, 2020
चिदंबरम ने सवाल किया, ‘‘जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किए जाते हैं या अन्यायपूर्ण कानून लागू किए जाते हैं, तो लोगों के पास शांति से विरोध करने के अलावा क्या विकल्प होता है?’’
दरअसल, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की छह महीने की ‘‘एहतियातन हिरासत’’ पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले गुरूवार (छह फरवरी) को उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया।
इससे पहले दिन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया।
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