संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक दो अप्रैल (बुधवार) को लोकसभा में पेश किया जाएगा। प्रश्नकाल के बाद इस विधेयक पर आठ घंटे तक व्यापक चर्चा होगी। विपक्षी पार्टियां बिल का लगातार विरोध कर रही हैं। अब भारतीय जनता पार्टी के नेता शहजाद पूनावाला ने विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मुद्दे पर आईएएनएस से बात करते हुए विपक्ष की आलोचना की और आरोप लगाया कि विपक्ष चर्चा के बजाय केवल विरोध और विवाद पैदा करना चाहता है।

|
शहजाद पूनावाला ने कहा कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की प्रेस वार्ता के बाद यह साफ दिखा कि विपक्ष केवल विवाद खड़ा करना चाहता है, चर्चा करना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का रवैया केवल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के समर्थन से ही नहीं, बल्कि उनके बयानों से भी दिखता है, जैसे कि शाहीन बाग बनाने की धमकी, सड़कों पर उतरने का आह्वान और संसद न चलने देने की बातें। यह सब एक संदेश देते हैं कि विपक्ष संविधान और लोकतंत्र की बजाय वोट बैंक की राजनीति कर रहा है और वह संवाद के बजाय विरोध और टकराव चाहते हैं।
पूनावाला ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन कई मुस्लिम संगठनों और धार्मिक निकायों ने किया है। उन्होंने बताया कि कैथोलिक बॉडीज जैसे केसीबीसी और सीबीसीआई ने इस बिल का समर्थन किया है। इसके अलावा, आगाखानी समुदाय और अजमेर दरगाह के प्रमुख सज्जादानशीन ने भी इस विधेयक को समर्थन दिया है। पूनावाला ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा करना नहीं है, बल्कि यह गरीब मुसलमानों की मदद के लिए है। इस बिल के तहत उन अमीर मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो वक्फ की जमीनों पर कब्जा करके उन्हें व्यावसायिक उपयोग में लाते हैं, जबकि इस जमीन का वास्तविक हक गरीब, बेवा और अनाथ बच्चों का है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को लेकर जो अफवाहें फैल रही हैं, जैसे कि मस्जिदें और कब्रिस्तान छिन जाएंगे, यह सब केवल झूठ और भ्रम फैलाने के लिए किया जा रहा है। पूनावाला ने कहा कि यह वही लोग हैं, जिन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भी झूठी अफवाहें फैलाई थीं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो धार्मिक स्थलों को प्रभावित करता हो। केंद्रीय मंत्री ने भी इस बात को स्पष्ट किया है कि इस विधेयक में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जो मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों को हानि पहुंचाता हो।
पूनावाला ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां फिर से अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए इस विधेयक का विरोध कर रही हैं, और उनका उद्देश्य केवल विवाद खड़ा करना है। उनका कहना था कि विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है, जबकि यह गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों के हित में है, और इसे हिंदू-मुस्लिम विवाद के रूप में पेश करना गलत है।
| | |
 |