इमरान खान की भाषा का प्रयोग कर रही कांग्रेस : रवि शंकर प्रसाद
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कांग्रेस पर राष्ट्र का मनोबल कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी की भाषा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा से मेल खाती है।
भाजपा के नेता रविशंकर प्रसाद |
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की भाषा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा से मेल खाती है। प्रसाद, कांग्रेस द्वारा पुलवामा आतंकी हमले को लेकर लगाए गए आरोपों का जवाब दे रहे थे। आतंकी हमले के लिए खुफिया विफलता को जिम्मेदार बताते हुए और इस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था, "क्या अजीत डोभाल के तहत हमारा खुफिया तंत्र इतना कमजोर हो गया है कि आतंकवादी 350 किलो विस्फोटक लेकर देश के सबसे ज्यादा सुरक्षित राजमार्ग पर घुसने में समक्ष हो गए?"
उन्होंने प्रधानमंत्री को हालात की गंभीरता का एहसास न होने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया और हमले के बाद भी जिम कोर्बेट नेशनल पार्क में फिल्म की शूटिंग जारी रखने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए प्रसाद ने कहा, "अक्सर हम इसे छोड़ देते हैं लेकिन प्रधानमंत्री के खिलाफ सतही टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं।"
उन्होंने कहा, "वह (नरेंद्र मोदी) रामगढ़ के आधिकारिक दौरे पर थे, जो बाघ संरक्षण से संबंधित था। मौसम खराब होने और हवाईअड्डे से दूर होने के कारण उन्होंने (हमले के बाद) एक बैठक की थी।"
प्रसाद ने कहा कि सरकार एक संदेश देना चाहती है कि देश अपने कामकाज के तरीके को बनाए रखेगा और न कि उस तरह से होने देगा जिस तरह से पाकिस्तान चाहता है।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने जो गुरुवार को कहा वह ठीक उसी तरह है जैसा इमरान खान कह रहे हैं।
उन्होंने कहा, "भले ही शैली में भिन्नताएं हों लेकिन इमरान खान ने जो कहा है और कांग्रेस जो कह रही है, वे दोनों मेल खाते हैं। पाकिस्तान आज (गुरुवार की) कांग्रेस की टिप्पणियों को सुनकर बहुत ही खुश होगा।"
उन्होंने कहा, "सेना के मनोबल और देश की अखंडता को कमजोर करने की कोशिश न करें। हालांकि आप ऐसा करने में हर प्रकार से असमर्थ हैं।"
कानून व न्याय मंत्री ने दावा किया कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, आतंकवादियों की स्थानीय भर्ती कम हो गई है और ज्यादातर आतंकी हमले सीमा पार से आने वाले आतंकवादियों द्वारा किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने 2015 से 2018 के बीच 728 आतंकियों को मार गिराया है जबकि 2011 से 2014 के बीच 349 आतंकियों को ढेर किया गया था।
उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि हमने सेना को खुली छूट दी है।"
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