वाहन मालिक भूखे नहीं मरते, पेट्रोल के दाम चुका सकते हैं: अल्फोंस
पेट्रोल,डीजल के दाम बढ़ने को लेकर हो रहे विरोध के बीच केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस कनन्नथानम ने कहा कि वाहन मालिक कोई भूखे रहने वाले लोग नहीं हैं. वे पेट्रोल के दाम चुकाने की क्षमता रखते हैं.
केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अल्फोंस कनन्नथानम (फाइल फोटो) |
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं को अमल में लाने के लिये कर जुटाती है. अल्फोंस ने तिरवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, जो भी राजस्व जुटाया जाता है वह गरीबों के कल्याण के लिये उपयोग में लाया जाता है और यह सरकार का सोचा समझा निर्णय है.
उन्होंने कहा कि सरकार जो भी राजस्व संग्रह करती है वह गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिये खर्च किया जाता है. इन योजनाओं के लागू होने से गरीबों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्राप्त होता है.
अल्फोंस का कहना है, आवास और शौचालय बनाने तथा हर गांव तक बिजली पहुंचाने के लिये .. काफी धन की जरूरत पड़ती है. इसलिये हम उन लोगों पर कर लगा रहे हैं जो कर दे सकते हैं.
पेट्रोल के दाम बढ़ने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, पेट्रोल कौन खरीदता है? ... जो कार चलाता है, जो मोटरसाइकिल पर चलते हैं. ये लोग गरीब नहीं हैं .. जो भी लोग हैं वे यह भुगतान वहन कर सकते हैं.
ईधन के दाम बढ़ने के परिणामस्वरूप आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने के मुद्दे पर कनन्नथानम ने कहा कि मुद्रास्फीति की करीबन 3.36 प्रतिशत की दर भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति के लक्ष्य से करीब आधा प्रतिशत अंक नीचे है.
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कर की दर नीचे आ सकती है यदि ये उत्पाद जीएसटी के दायरे में ला दिये जाते हैं. बहरहाल, राज्य सरकारें शराब और पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने को तैयार नहीं हैं.
अल्फोंस ने कहा कि यदि राज्य सरकारें इसके लिये तैयार हो जातीं हैं तो केन्द्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का मुख्य मकसद गरीब और वंचित तबके का कल्याण करना है. पर्यटन मंत्री ने कहा, गरीबों के लिये खाद्य सामग्री, आशियाने, शौचालय और अन्य सुविधायें तथा शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के सरकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिये करोड़ों रुपये की आवश्यकता होती है.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों से जुटाया गया राजस्व इन परियोजनाओं को लागू करने में इस्तेमाल किया जाता है.
यह पूछे जाने पर कि पिछली संप्रग सरकार के कार्यकाल में भाजपा पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि का विरोध करती रही? इस पर अलफोंस ने सीधे जवाब न देते हुए कहा कि सरकार इस राशि का इस्तेमाल गरीब और निचले तबके के कल्याण के लिये कर रही है.
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